क्या गहलोत सत्ता में वापसी करेंगे? 5 प्वाइंट में रिवाज बदलने का ‘जादुई’ फॉर्मूला समझें

Will Gehlot return to power? Understand the 'magical' formula to change custom in 5 points
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जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में है। कांग्रेस और बीजेपी सत्ता में वापसी का दांवा कर रहे हैं। सीएम गहलोत पूरी तरह से चुनावी मोड़ पर है। जबकि बीजेपी ने भी प्रदेश अध्यक्ष बदलकर अपने इरादे साफ कर दिए। बीजेपी गहलोत सरकार की कमियों और खामियों को लेकर आक्रामक दिखाई दे रही है। जबकि सीएम गहलोत वापसी के लिए सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनओं का सहारा ले रहे हैं। गहलोत ने राजस्थान में सत्ता वापसी के लिए रणनीतिक कदम उठाए है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान में हर पांच साल बाद सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है। लेकिन सीएम गहलोत का दांवा है कि उनकी सरकार की वापसी होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी गुटबाजी से जूझ रही है। सीएम फेस को लेकर वसुंधरा राजे कैंप के विधायक नाराज है। चर्चा है कि बीजेपी आलाकमान वसुंधर राजे पर दांव खेलने के लिए तैयार नहीं है। बीजेपी की गुटबाजी का फायदा चुनाव में कांग्रेस को मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गहलोत सरकरा के खिलाफ साढ़े चार साल में बीजेपी सत्ता विरोधी लहर पैदा नहीं कर पाई है। गहलोत-पायलट की लड़ाई का फायदा उठाने में बीजेपी उठा नहीं पाई है। ऐसे में गहलोत वापसी कर सकते हैं। हालांकि, गहलोत के धुर विरोधियों का कहना है कि गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का पिटारा खोला था। इसके बावजूद कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी।

सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओ का सहारा

सीएम गहलोत वापसी के लिए कल्याणकारी औऱ मुफ्त योजनाओं का सहारा ले रहे हैं। लगभग हर सभा में सीएम ओपीएस और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का बखान कर रहे हैं। बता दें सीएम गहलोत ने अपने कार्यकाल में कई लोक कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है। दूसरा दिग्गज नेताओं के टिकट कटेंगे। बता दें 2003 औ 2013 में रहते हुए गहलोत सरकार को करारी हार का सामना करना पड़ा था। हार की बड़ी वजह दिग्गज मंत्रियों और विधायकों का चुनाव हारना था। चर्चा है कि इस बार कांग्रेस पार्टी इससे सबक लेकर कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट काट सकती है। प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने इसके संकेत भी दिए थे। रंधावा ने कहा कि पार्टी अपने स्तर पर सर्वे करा रही है। जीतने वालों को ही टिकट दिया जाएगा।

चुनाव में गहलोत ही चेहरा ?

गहलोत बनाम कौन? कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी को लगाम लगाते हुए हाल ही में सीएम गहलोत ने कहा था कि मुख्यमंत्री ही चुनाव में पार्टी का चेहरा होता है। गहलोत के इस बयान का कांग्रेस आलाकमान की और से खंडन नहीं किया गया है। पायलट कैंप के नेता गहलोत के इस दांव से काफी असहज महसूस कर रहे हैं। हालांकि, पायलट कैंप के तरफ से सीएम फेस को लेकर प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन अंदर खाने पायलट कैंप के विधायक गहलोत के चेहरे पर चुनाव लड़ने के खिलाफ बताए जा रहे हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कांग्रेस आलाकमान ने सीएम फेस घोषित नहीं किया है। लेकिन गहलोत कई बार कह चुके हैं मुख्यमंत्री ही चुनाव में पार्टी का चेहरा होता है।