खत्म होगी राजस्थान कांग्रेस की खींचतान, सचिन पायलट की उड़ान? मल्लिकार्जुन खड़गे उठाएंगे एक बड़ा कदम

Will the tussle of Rajasthan Congress end, Sachin Pilot's flight? Mallikarjun Kharge will take a big step
Will the tussle of Rajasthan Congress end, Sachin Pilot's flight? Mallikarjun Kharge will take a big step
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जयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव खत्म होने के बाद अब राजस्थान संकट खत्म होने के कगार पर है। इसको लेकर हाल-फिलहाल में कई मीटिंग हुई हैं। इसमें सचिन पायलट और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच 27 अक्टूबर को हुई मुलाकात भी शामिल है। माना जा रहा है कि इन मुलाकातों के दौरान पायलट और खड़गे के बीच विभिन्न मुद्दों के साथ-साथ राजस्थान कांग्रेस के संकट पर भी चर्चा हुई है। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है एक बार फिर से राजस्थान में ऑब्जर्वर भेजे जाएंगे और पार्टी विधायक हाईकमान के एक लाइन के प्रस्ताव पर हामी भरेंगे।

अध्यक्ष पद के चुनाव से शुरू हुआ है संकट
गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस का संकट पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के साथ ही शुरू हुआ था। उस वक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था। तब राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की बात सामने आई थी। हाईकमान से इस आशय का प्रस्ताव लेकर पार्टी ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जयपुर पहुंचे थे। लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों के बागी रुख के चलते यह मीटिंग अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सका। बाद में तमाम सियासी ड्रामे के बाद गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से हट गए, हालांकि उनकी सीएम की कुर्सी बरकरार रही। तब सोनिया से उन्होंने माफी भी मांगी थी। माना जा रहा था कि अध्यक्ष पद का चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस राजस्थान संकट को हल करेगी।

गहलोत से लगातार बनी हुई है दूरी
सितंबर में हुए घटनाक्रम को करीब एक महीने बीत चुके हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि गहलोत और गांधी परिवार के बीच सबकुछ सामान्य है। इस एक महीने के वक्त में कई ऐसे मौके आए हैं, जब गहलोत और गांधी फैमिली के बीच दूरी साफ महसूस की गई। दक्षिण भारत में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गहलोत बिना राहुल गांधी से मिले ही मंच से उतर गए थे। वहीं राहुल, प्रियंका या फिर सोनिया गांधी की तरफ से भी गहलोत को लेकर किसी तरह की नरमी का संकेत नहीं मिला है। इतना ही नहीं, कई कार्यक्रमों में गहलोत ने कुछ ऐसी बातें कहीं हैं, जिसे पायलट या गांधी फैमिली पर परोक्ष हमला माना जा सकता है। राजस्थान निवेश कार्यक्रम के दौरान अडानी की तारीफ भी एक ऐसी ही बात थी, जिसको लेकर बाद में राहुल गांधी को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा था। वहीं, उनका यह बयान कि राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं है, काफी चर्चित रहा था।

पायलट आए हैं गांधी फैमिली के करीब
उधर दूसरी तरफ इस बीच पायलट ने गांधी फैमिली से अपनी नजदीकी को और पुख्ता करने की कोशिश की है। हाल-फिलहाल में अगर देखा जाए तो पायलट के पास पार्टी से जुड़ी कई अहम जिम्मेदारियां हैं। वह हिमाचल प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य हैं। पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचारक बनाया हुआ साथ और वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कमेटी के मेंबर भी हैं। इसके अलावा कांग्रेस चुनावी साल में खुद को और बेहतर तरीके से मजबूत करना चाहेगी। ऐसे में वह राजस्थान में किसी तरह की विवादास्पद स्थिति नहीं छोड़ना चाहती है। इन सारी सिचुएशंस को देखते हुए आसार यही बन रहे हैं, सचिन पायलट को जल्द ही यहां पर कमान दी जा सकती है।