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तेहरान। ईरान पुलिस ने बिना हिजाब पहने रेस्टोरेंट में खाना खा रही महिला को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुई महिला की पहचान डेन्या रेड के रूप में हुई है, जो तेहरान के एक रेस्टोरेंट में अपनी महिला दोस्त के साथ खाना खाने गई थी। इस दौरान किसी ने उसकी फोटो क्लिक करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। जिसके कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।
पुलिस ने बात करने के नाम पर बुलाया था
गिरफ्तार महिला के घर वालों ने बताया, फोटो वायरल होने के बाद पुलिस ने डेन्या काे फोन कर उसके प्रोफेशन के बारे में जानने के लिए बुलाया था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। डेन्या की बहन ने बताया कि गिरफ्तारी के कुछ घंटो बाद डेन्या का फोन आया, उसने बताया, उसे एविन जेल के वार्ड 209 में डाल दिया गया है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ईरान में चल रहे विरोध प्रदर्शन को सपोर्ट करने वाले लेखक और पोएट मोना बोरजौई, फुटबॉल खिलाड़ी होसैन माहिनी और पूर्व ईरानी राष्ट्रपति अली अकबर हाशमी रफसंजानी की बेटी फैजेह रफसंजानी को भी इसी जेल में रखा गया है।
ईरान के एक NGO ह्यूमन राइट्स के मुताबिक ईरानी सिंगर शेरविन हाजीपुर को भी इसी सप्ताह एविन में डाला गया है। शेरविन ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के इमोशन्स को जाहिर करने के लिए एक सॉन्ग गाया था, जो ईरान में खूब वायरल हुआ।
एविन जेल को उसकी क्रूरता के लिए जाना जाता है। जहां ईरान सरकार उन कैदियों को रखती जो नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा हैं।
ईरान सरकार ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर रखा है। कोड को फॉलो करवाने के लिए मोरलिटी पुलिस भी बनाई है। ड्रेस कोड फॉलो नहीं करने वाली महिलाओं को ये पुलिस गिरफ्तार करती है। 22 साल की महसा अमिनी उन लड़कियों में एक थी, जो ईरान सरकार के इस महिला विरोधी नियमों के विरोध में थीं।
महसा अक्सर इन नियमों के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट करती थीं। पिछले दिनों वो अपने परिवार के साथ तेहरान गईं थीं, जहां मोरलिटी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 17 सितंबर को पुलिस कस्टडी में उनकी मौत हो गई। बताया गया कि ज्यादा टॉर्चर की वजह से उनकी मौत हुई। इसके बाद ईरान की महिलाएं सड़कों पर उतर आईं।
अब तक 83 लोगों की मौत हो चुकी
ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक दो सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन में अब तक 83 लोगों की मौत हाे चुकी है। जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स के मुताबिक विरोध के समर्थन में लिखने वाले 28 से ज्यादा पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है।