महिला IAS किन्नी सिंह का केजरीवाल के मंत्री पर बड़ा आरोप, पर्सनल मीटिंग में नहीं जा सकती

Woman IAS Kinni Singh's big allegation on Kejriwal's minister, cannot attend personal meeting
Woman IAS Kinni Singh's big allegation on Kejriwal's minister, cannot attend personal meeting
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार इन दिनों कई गलत वजहों से लगातार चर्चा में है। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत ने स्टिंग ऑपरेशन में पहले नए मुख्यमंत्री आवास को लेकर हुए हैरतअंगेज खुलासों के बाद अब सचिवालय से रात के 2 बजे जिस तरह संदिग्ध स्थितियों में फाइलें निकालने के सीसीटीवी फुटेज सामने आए, वो वाकई चौंकाने वाले हैं। उधर, सर्विसेज के विवाद में सुप्रीम कोर्ट का साथ मिलने के बाद जिस तरह खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अधिकारियों को धमकाने लगे, उससे नौकरशाही में हड़कंप है। केजरीवाल सरकार के इस रवैये से अधिकारी डरे-सहमे हैं। इस बीच सर्विसेज मिनिस्टर सौरभ भारद्वाज के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। एक आईएएस ऑफिसर किन्नी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसी महीने सौरभ भारद्वाज ने एक मीटिंग में उनके साथ बहुत गलत व्यवहार किया, यहां तक कि उनकी पूरी बातचीत धमकी भरे अंदाज में थी। किन्नी सिंह ने अब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के चिट्ठी लिखकर साफ कह दिया है कि अब वो सौरभ भारद्वाज की पर्सनल मीटिंग में नहीं जाएंगी। उन्होंने कहा कि बिना पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त और मंत्री की तरफ से उचित व्यवहार सुनिश्चित हुए बिना उनके लिए पर्सनल मीटिंग में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा।

आप ने मढ़ा उल्टा आईएएस किन्नी सिंह पर आरोप

उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने आईएएस किन्नी सिंह के आरोपों को पूरी तरह झूठा बताते हुए कहा है दावा किया है कि अधिकारियों पर दबाव है कि वो दिल्ली सरकार के मंत्रियों पर इस तरह के झूठे आरोप लगाएं। पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘यह बीजेपी की घटिया राजनीति है। आपने भारत के इतिहास में कभी ऐसी बात सुनी है? सौरभ भारद्वाज बहुत नेक इंसान हैं। वो तो अपने विरोधियों के प्रति भी विनम्र रहने वाले व्यक्ति हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि अधिकारी बीजेपी के दबाव में इस तरह की शिकायतें कर रहे हैं।’ पार्टी ने अपने बयान में कहा, जिस दिन से सर्विसेज प्रदेश सरकार के अधीन आया, हम चाहते तो उसी दिन से इन्हीं अधिकारियों से मुख्य सचिव, एलजी और बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायतें करवा सकते थे, लेकिन हम ऐसी घटिया राजनीति नहीं करते हैं।’

किन्नी सिंह ने शिकायत में क्या कहा, जानिए

किन्नी सिंह दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी हैं। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि सौरभ भारद्वाज ने उन्हें 16 मई की शाम में अपने चैंबर में बुलाया था जहां तत्कालीन सर्विसेज सेक्रेटरी आशीष माधोराव भी वहीं थे। किन्नी सिंह के मुताबिक, सौरभ भारद्वाज ने उन्हें उनका कैरियर तबाह करने की धमकी दी। सिंह ने शिकायत में लिखा, ‘मुझे बताना पड़ रहा है कि हम (किन्नी सिंह, डिप्टी सेक्रेटरी अमिताभ जोशी और अन्य) मंत्री के व्यवहार से पूरी तरह डरे हुए हैं… मैं मुझे दिए सारे काम काफी संजीदगी से कर रही हूं और मंत्री की तरफ से पूछे जाने पर समय-समय पर उन्हें जवाब भी दे रही हूं।’ सिंह ने अपनी चिट्ठी एलजी वीके सक्सेना और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी मार्क की है। महिला आईएएस ने अपनी शिकायत में आगे कहा, ‘मुझे अब भरोसा नहीं रहा कि पर्सनल मीटिंग में मेरी सुरक्षा और मेरा सम्मान सुनिश्चित रहेंगे। इसलिए मेरे लिए मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ पर्सनल मीटिंग में शामिल हो पाना मेरे लिए मुश्किल होगा जब तक कि मुझे पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल जाए और जब तक कि मंत्री का व्यवहार सही नहीं हो जाए।’

कई अधिकारी कर चुके हैं शिकायतें

इसी तरह के आरोप कई अन्य अधिकारियों ने भी लगाए हैं। सभी ने अलग-अलग घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा केंद्रीय गृह मंत्री, दिल्ली के उप-राज्यपाल (एलजी) और चीफ सेक्रेटरी को शिकायतें की हैं। आईएएस किन्नी सिंह ने चीफ सेक्रेटरी से आग्रह किया है कि मंत्री के संभावित अनुचित व्यवहार के मद्देनजर उन्हें उचित सुरक्षा प्रदान की जाए। उधर, सरकार के सूत्रों का कहना है कि किन्नी सिंह पर गलत व्यवहार का आरोप लगाते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया गया है। उन पर दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने, अपने काम अपने जूनियरों से करवाने और संवेदनशील फाइलों को सर्विसेज डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर को अवैध तरीके से देने के आरोप हैं जबकि उन्हें ऐसा नहीं करने को पहले ही कहा दिया गया था। एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने (किन्नी सिंह ने) अपने मंत्री (सौरभ भारद्वाज) को सिविल सर्विसेज बोर्ड की पिछली बैठकों की रिपोर्ट का प्रजेंटेशन देने में जान-बूझकर देरी की। उनका व्यवहार कैसा रहा है, इनके दस्तावेजी सबूत हैं। सरकार के ऊपर ऐसे आरोप मढ़ने का मकसद सिर्फ खुद और अपने सहयोगियों को संभावित अनुशासनात्मक कार्रवाइयों से बचाने की चाल है।’