जम्मू-कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज तैयार, वर्कर्स ने फहराया तिरंगा, एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा

World's tallest bridge ready in Jammu and Kashmir, workers hoisted the tricolor, 35 meters higher than the Eiffel Tower
World's tallest bridge ready in Jammu and Kashmir, workers hoisted the tricolor, 35 meters higher than the Eiffel Tower
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जम्मू। जम्मू-कश्मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल की ओवरआर्च का काम पूरा हो गया। शनिवार को पुल का गोल्डन जॉइंट (आखिरी जोड़) लगाया गया। इसके बाद पुल बनाने का 98% काम पूरा हो गया है। इस मौके पर वर्कर्स ने तिरंगा फहराया और आतिशबाजी भी की। ब्रिज का निर्माण कोंकण रेलवे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत हुआ है। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 28,000 करोड़ रुपए है।

कोंकण रेलवे के चेयरमैन और एमडी संजय गुप्ता ने कहा कि इस ब्रिज को बनाने में लंबा समय लगा है। खराब मौसम, सर्दी, ऊंचाई इसे बनाने में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। पुल का निर्माण मुंबई स्थित बुनियादी ढांचा प्रमुख Afcons की ओर से किया गया है।

शनिवार को ब्रिज के गोल्डन जॉइंट का काम पूरा होने के बाद प्रोजेक्ट पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने तिरंगा फहराया।

गोल्डन जॉइंट क्या है
गोल्डन जॉइंट सिविल इंजीनियर्स की ओर से दिया गया एक टर्म है। गोल्डन जॉइंट वह जॉइंट है, जिसमें किसी नए पाइपिंग कंपोनेंट की वेल्डिंग मौजूदा लाइन से कर दी जाती है। गोल्डन जॉइंट के जरिए हाई स्ट्रेंथ फ्रिक्शन ग्रिप (HSFG) बोल्ट की मदद से ब्रिज और ब्रिज ओवरआर्क डेक के दो हिस्सों को जोड़ दिया जाएगा। इसका मतलब यह नहीं है कि जॉइंट की वेल्डिंग सोने से होगी।

जम्मू-कश्मीर में 16 नए रेलवे पुल बन रहे
Afcons के उप प्रबंध निदेशक गिरिधर राजगोपालन ने कहा, ‘हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि गोल्डन जॉइंट के खत्म होने के बाद पुल का काम लगभग 98 प्रतिशत पूरा हो जाएगा।’ Afcons चिनाब ब्रिज के अलावा कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRCL) के लिए जम्मू-कश्मीर में 16 और भी रेलवे पुलों का निर्माण कर रहा है। सभी पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा हैं।

सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज की खासियत
दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच बनाया गया है। 1.3 किमी लंबे रेल ब्रिज की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है। यह 324 मीटर ऊंचे एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है। ब्रिज 17 केबल्स पर टिका है। इस पुल पर 8 तीव्रता वाले भूकंप का असर नहीं होगा। यह 260 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा को सह सकता है।

इस ब्रिज में ब्लास्ट लोड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। किसी भी विस्फोट और प्रेशर का ब्रिज पर असर नहीं होगा। 111 किमी लंबे कटरा और बनिहाल मार्ग पर रेल ब्रिज बनने से कश्मीर रेलमार्ग के जरिए देश से जुड़ जाएगा। अभी बनिहाल और बारामूला के बीच रेल है, पर कटरा-बनिहाल के बीच नहीं है। माना जा रहा है कि इस साल दिसंबर तक इसे जनता को सौंप दिया जाएगा।