- रंग लगा दे… गाने पर सड़क पर Video बनाने वाली लड़कियों को पुलिस ने किया अरेस्ट, भेजा था 33,000 का जुर्माना - March 28, 2024
- ‘हमारे मामलों में टांग अड़ाने की जरूरत नहीं…’, केजरीवाल पर US की टिप्पणी पर फिर भारत की दो टूक - March 28, 2024
- मां सीता और देवी पार्वती से जुड़ा है सिंदूर का संबंध, नियमपूर्वक लगाने के हैं कई लाभ - March 28, 2024
देहरादून। सरकार छोटी नदियों, गाड़-गदेरों में बिजली प्रोजेक्ट लगाने के लिए पॉलिसी तैयार कर रही है। ऐसी परियोजनाओं को लगाने के लिए स्थानीय युवाओं और लोगों को कई तरह की छूट देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्माल हाइड्रो पॉलिसी तैयार की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि पॉलिसी को जल्द कैबिनेट में रखा जाएगा। हालांकि, राज्य में 2015 में भी मिनी हाइड्रो पॉलिसी लाई गई थी। इसके तहत दो मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट लगाए जा सकते थे। अधिकतम 25 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट का भी विकल्प रखा गया था। इस योजना का प्रचार प्रसार न होने के कारण लोगों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। अब सरकार इस योजना पर नए सिरे से काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश की पॉलिसी का अध्ययन किया जा रहा है। योजना का मकसद मकसद स्थानीय युवाओं और ग्राम सभाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।
ग्राम सभाओं को मिलेगा दोहरा लाभ ग्राम सभाओं में छोटे हाइड्रो पावर प्लांट लगाने से युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार तो मिलेगा ही, गांव की बिजली आपूर्ति मजबूत होगी। पहले बिजली का इस्तेमाल ग्राम सभा स्तर पर होगा। अतिरिक्त बिजली को यूपीसीएल को बेचा जाएगा।
छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट के जरिए राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। ग्राम सभाओं को भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए युवाओं, समूहों को प्रेरित किया जाएगा। उन्हें हर संभव सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस नीति के जरिए राज्य में बिजली उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव ऊर्जा
प्रोजेक्ट लगाने पर मिलेगी ये रियायत
25 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट लगाने पर जीएसटी में छूट।
पांच मेगावाट तक के प्रोजेक्ट में ऊर्जा विभाग से टीईसी प्रमाणपत्र नहीं लेना होगा।
भूमि से संबंधित नौ विभागों की एनओसी से राहत मिलेगी।