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चौपाल: हिमाचल में सत्ता में आने की उम्मीद कर रही कांग्रेस को विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर सता रहा है. इस कारण मतगणना से पहले ही पार्टी अपने विधायकों की पूरी सुरक्षा करेगी. कांग्रेस के बागियों और आजाद प्रत्याशियों में से अगर कोई जीतकर आता है, और सरकार बनाने में उनकी जरूरत भाजपा को पड़ी तो कांग्रेस को डर है कि भाजपा उन्हें किसी भी तरीके से अपने पक्ष में कर सकती है.
इसको देखते हुए कांग्रेस ने बागियों को मनाने और निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने खेमे में लाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. बता दें कि इन चुनावों में कांग्रेस के सात बागी मैदान में हैं, इनमें से कुछ बागियों की स्थिति मजबूत भी मानी जा रही है. कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है.
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि जरूरी नहीं कि हिमाचल में ऐसा हो, लेकिन देश के कई राज्यों में विधायकों को खरीदा गया है. भाजपा, ईडी, सीबीआई के डर के साथ-साथ अन्य कई हथकंडे अपना सकती है. इसी को देखते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पार्टी आलाकमान से इस बारे में विस्तार से चर्चा की है.
उन्होंने बताया कि अपने बागी नेताओं से भी पार्टी नेताओं ने संपर्क किया है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है, लेकिन अगर कहीं 19-21 का फर्क पड़ता है तो आजाद प्रत्याशियों के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार बनाएगी.
बता दें कि चौपाल विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी डॉ. सुभाष मंगलेट, ठियोग से विजय पाल खाची, अर्की से राजेंद्र ठाकुर, पच्छाद से गंगू राम मुसाफिर, आनी से परसराम, जयसिंहपुर से सुशील और सुलह से जगजीवन पाल चुनावी मैदान में हैं.