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पटना: साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। स्कूली छात्र-छात्राएं भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं। साइबर अपराध का न सिर्फ शिकार हो रहे हैं बल्कि खुद भी फ्रॉड में शामिल हो रहे हैं। सहपाठी का अकाउंट हैक कर उसे ब्लैकमेल करना, विभिन्न तरीके से उसे मानसिक तनाव देना या फिर स्कूल के दस्तावेज को हैक कर परीक्षा के प्रश्न-पत्र को जान लेने जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। यह खुलासा स्कूल में हो रही काउंसिलिंग में हुआ है। सहपाठियों के अकाउंट हैक करने के मामले सबसे ज्यादा हैं। मार्च 2022 से मार्च 2023 के बीच 8743 विद्यार्थियों ने इस तरह की शिकायतें की। बिहार में करीब 4 हजार स्कूली बच्चे साइबर फ्रॉड में शामिल हैं।
सीबीएसई और आईसीएसई के हेल्पलाइन नंबर पर प्रतिदिन 50 से अधिक छात्र-छात्राएं साइबर क्राइम की शिकायत कर रहे हैं। बता दें कि अभी तक छात्राएं ही इसकी शिकार हो रही थीं, लेकिन अब बड़ी संख्या में छात्र भी साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। सीबीएसई के अनुसार राज्य में पिछले एक साल में 16 हजार 589 विद्यार्थी साइबर फ्रॉड के शिकार हुए। इनमें नौवीं से 11वीं तक के छात्र-छात्राओं की संख्या सबसे ज्यादा है। 4532 ऐसे मामले सामने आएं, जिसमें आपसी नाराजगी के कारण सहपाठी ने ही सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर उसमें लड़कियों की अश्लील फोटो लगा दी।
पिछले एक साल की बात करें तो लगभग चार हजार छात्र खुद साइबर फ्रॉड में शामिल रहे। सीबीएसई के अनुसार टेली काउंसिलिंग में आए दिन इसकी शिकायत आती है। बढ़ते मामलों को देखते हुए बोर्ड ने विद्यार्थियों को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए एक पोर्टल भी बनाया है। इसपर बचने के कई उपाय बताए गए हैं। बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर 1930 भी दिया है। इस नंबर पर प्रतिदिन 50 से अधिक फोन कॉल्स आते हैं।
साइबर फ्रॉड से बचाने की मुहिम नहीं ला रही रंग
यूनिसेफ और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने साइबर फ्रॉड से बच्चों को बचाने के लिए वीडियो तैयार किया था। इसमें लगभग दस से अधिक छोटी-छोटी कहानियों से साइबर फ्रॉड से बचाने की जानकारी दी गयी है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे 15 जिलों के स्कूलों में दिखाया जाना था, लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया। सूत्रों के अनुसार इसके लिए 120 मास्टर ट्रेनर भी बनाये गये थे। इसमें मदरसा बोर्ड के 30 शिक्षक भी शामिल थे। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लगभग दो लाख से अधिक छात्र और छात्राओं को इससे फायदा होता। लेकिन इसे शुरू नहीं किया जा सका।
इस तरह के आते हैं मामले
– पैसे की ठगी
– लड़कों की प्रोफाइल में जाकर लड़की का फोटो लगा देना
– मोबाइल को हैक कर सारी जानकारी चुरा लेना
– शिक्षक के डांटने पर उनके अकाउंट को हैक कर परेशान करना
– लड़की के इनकार करने पर उसे सोशल मीडिया पर परेशान करना
सीबीएसई के मनोवैज्ञानिक प्रमोद कुमार के मुताबिक साइबर फ्रॉड के मामले आए दिन सामने आते हैं। सबसे ज्यादा अपनी कक्षा के सहपाठी के सोशल मीडिया अकाउंट को हैक करके उसे ब्लैकमेल करने के मामले सामने आए हैं। पिछले कुछ महीने में अभिभावकों के साथ छात्र-छात्राएं भी इसकी जानकारी सीबीएसई के विभिन्न प्लेटफार्म पर दे रहे हैं।