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देहरादून: उत्तराखंड में इस बार सर्दी में बारिश की बेरूखी देखने को मिली है। उत्तराखंड में कम बारिश से यूपी को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। दिसंबर, जनवरी के बाद अब फरवरी में भी सूखा रहा है। उत्तराखंड में फरवरी में 89 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में फरवरी में 6.7 एमएम बारिश हुई। जबकि सामान्य बारिश 59.5 एमएम है।
जम्मु कश्मीर और हिमाचल में प्रभाव अधिक देखा गया है। जिस वजह से उत्तराखंड में बारिश कम हुई। एक्सपर्ट कम बारिश की वजह से होने वाले नुकसान पर चिंतित है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कम बारिश की वजह से ग्लेशियरों और नदियों के पानी पर भी फर्क देखने को मिलेगा।
नदियों में कम पानी की वजह से सिंचाई पर भी दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में किसानों की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं। उत्तराखंड में अल्मोड़ा, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिले में बिल्कुल कम बारिश दर्ज की गई। जनवरी में महज 21.5 एमएम बारिश ही दर्ज की गई।
जबकि सामान्य बारिश 40.7 एमएम होनी चाहिए थी। 47 फीसदी कम बारिश हुई। दिसंबर में बहुत बुरी स्थिति रही। महज 0.1 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। नवंबर में भी महज 2 एमएम बारिश पूरे राज्य में हुई। मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक जनवरी और फरवरी में जो बारिश होती है। वह पश्चिमी विक्षोभ की वजह से होती है। इस बार देखा गया है कि पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड में कम प्रभावी रहे हैं।