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Bihar Lok Sabha Election 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान भाषा की मर्यादा टूटने लगी है. चुनावी आरोप-प्रत्यारोप का दौर अब निजी हमलों में बदलता जा रहा है. इस लिस्ट में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी जुड़ गया है. नवगछिया रैली में सीएम नीतीश कुमार ने वही गलती दोहरा दी, जो कुछ सप्ताह पहले राजद अध्यक्ष लालू यादव ने की थी. दरअसल, रैली में नीतीश कुमार अपना आपा खोते हुए लालू यादव पर निजी हमला कर बैठे और उनके ज्यादा बच्चे पैदा करने पर सवाल उठा बैठे. लालू यादव के शासनकाल पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में एक समय ऐसा भी था जब कानून का राज खत्म हो चुका था. मैंने बिहार के करोड़ों लोगों को जंगल राज से मुक्ति दिलाते हुए कानून का राज स्थापित किया है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लालू राबड़ी को इतना ज्यादा बाल बच्चा पैदा करना चाहिए? कोई इतना बच्चा पैदा करता है क्या?
नीतीश कुमार के इस बयान पर लालू यादव के छोटे बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बड़ी सधी हुई प्रतिक्रिया दी. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को हाथ जोड़कर हम यही कहना चाहते हैं कि अभिभावक हैं, बुजुर्ग हैं. हम आपका सम्मान करते हैं और करते रहेंगे. आपका अधिकार है कुछ भी कहेंगे. जो मन करे वह कहे. वह जो भी कहेंगे मेरे लिए आशीर्वाद होगा. तेजस्वी ने आगे कहा कि लोकसभा का चुनाव है. बेरोजगारी और विशेष पैकेज पर बात कीजिए, पलायन कैसे रोके, विशेष पैकेज कैसे आए? इस पर बात कीजिए. उन्होंने आगे कहा कि 2020 में भी उन्होंने हमारे परिवार के ऊपर भद्दी बातें बोली थीं हम इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे.
इससे पहले लालू यादव ने पीएम मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए उनके परिवार पर सवाल उठाए थे. बीजेपी ने इसको बड़ा मुद्दा बना दिया था. बीजेपी के सभी नेताओं ने खुद को मोदी के परिवार से जोड़ते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट में ‘मोदी का परिवार’ जोड़ लिया है. पीएम मोदी ने भी लालू यादव के बयान को बड़ा हथियार की तरह इस्तेमाल किया और देश के अलग-अलग हिस्सों में इसका जिक्र करके विपक्षी गठबंधन पर वार किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इससे पहले 400 सीटों की जगह 4000 सीटें बोल गए थे. राजद की ओर से इस पर सीएम की जमकर खिंचाई की जा चुकी है और एनडीए पर लोकतंत्र को समाप्त करने का आरोप लगाया है.
ऐसी ही एक गलती तेजस्वी यादव से हो चुकी है. उनकी जमुई रैली में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की मां को गाली दी गई थी. मंच पर तेजस्वी यादव मौजूद थे. इस मामले में एनडीए ने एकजुट होकर तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसा लगता है कि एनडीए के सभी साथियों को एकजुट करने के लिए जो काम बीजेपी ने नहीं कर पाई, वो काम राजद नेता तेजस्वी यादव की जमुई रैली कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी अपनी भाभी का अपमान नहीं सह सके हैं. उन्होंने कहा है कि हमारी भाभी जी के बारे में अमर्यादित एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने की घटना की घोर निंदा करते हैं. इस प्रकार की भाषा माफी के योग्य नहीं हैं.