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चंडीगढ़़। राज्यसभा की दो सीटों के लिए तीन प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने से विधायकों के बीच क्रास वोटिंग का खतरा बढ़ गया है। घमासान दूसरी सीट पर होगा और इसमें दोनों पक्षों में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में क्रास वोटिंग होने का खतरा है।
दो सीटोंं के लिए तीन उम्मीीदवारोंभजपा के कृष्णलाल पंवार , कांग्रेस के अजय माकन और निर्दली कार्तिकेय शर्मा के मैदान में होने से मुकाबला रोचक हो गया है। करीब छह साल पहले भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के पक्ष में क्रास वोटिंग हुई थी। उसी तरह के हालात इस बार फिर बन गए।इस बार फर्क सिर्फ इतना है कि सुभाष चंद्रा के स्थान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने इस बार के राज्यसभा चुनाव को रोचक बना दिया है। कार्तिकेय शर्मा को जननायक जनता पार्टी व निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है, जबकि भाजपा भी उन्हें समर्थन दे रही है।चुनाव में क्रास वोटिंग की आशंका अकेले कांग्रेस में नहीं है, बल्कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के विधायकों में भी क्रास वोटिंग की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। जिस तरह कांग्रेस के कुछ विधायक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संपर्क में हैं, उसी तरह से भाजपा, जजपा व निर्दलीय विधायक भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के संपर्क में बताए जाते हैं।
तीसरे उम्मीदवार के रूप में कार्तिकेय शर्मा के मैदान में आने के बाद अब कांग्रेस भी अंदरखाने सरकार के विधायकों से संपर्क साधेगी। ऐसे में अगले दस दिनों तक अब हर दल अपने-अपने विधायकों को ‘संभालने’ में जुटा नजर आएगा।हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, भाजपा प्रत्याशी के रूप में पूर्व मंत्री कृष्णलाल पंवार और भाजपा-जजपा व निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने नामांकन दाखिल किए हैं।90 सदस्यों वाली विधानसभा में राज्यसभा की पहली सीट जीतने के लिए भाजपा को 31 विधायकों की जरूरत होगी। पार्टी के खुद के 40 विधायक हैं। इसलिए कृष्णलाल पंवार को राज्यसभा में जाने का कोई जाखिम नहीं है। उनका रास्ता साफ है।
कांग्रेस के अजय माकन की जीत सुनिश्चित करने के बाद कांग्रेस को 31 विधायक चाहिए। पार्टी के पास 31 विधायक हैं। आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई पार्टी नेतृत्व से नाराज़ चल रहे हैं, जबकि दो से चार कांग्रेस विधायकों की भूमिका संदिग्ध है। जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं, जबकि निर्दलीय विधायकों की संख्या सात है। इनमें महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू साइलेंट वोटर हैं। ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय चौटाला और सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा भी चुनाव में गेम करने की तैयारी में हैं।
निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को चुनाव जीतने के लिए 30 विधायक जुटाने होंगे। भाजपा के नौ, जजपा के 10, सातों निर्दलीय तथा अभय चौटाला व गोपाल कांडा के समर्थन में आने पर यह संख्या 28 पहुंचती है। बलराज कुंडू का वोट कम कर दें तो यह संख्या 27 रह जाती है। अब दो से तीन वोट का जादुई आंकड़ा कैसे जुटाया जाता है, इस पर सभी की नजर रहेगी। ऐसा कांग्रेस के तीन से चार विधायकोंं के मतदान से दूर रहने पर भी हो सकता है।
कांग्रेस अपने विधायकों में क्रास वोटिंग न होने दे तथा जरूरत पड़ने पर कुछ निर्दलीय व कुछ जजपा विधायकों को तोड़ने में कामयाब हो जाए तो कार्तिकेय शर्मा का बना-बनाया खेल बिगड़ सकता है। कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई के ‘बागी’ तेवरों और नाराज़गी की वजह से इस चुनाव में क्रास वोटिंग होना तय है।