मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में बच्चे को संक्रमित खून चढ़ाने से मौत के मामले में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश कुमार को राहत मिल गई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने मुकदमा खारिज दर्ज कर दिया है। उधर, बच्चे के पिता का कहना है कि वह इंसाफ के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।
सिखेड़ा क्षेत्र के गांव भिक्की निवासी राम गोपाल शर्मा ने बताया कि वे आठ साल के बेटे को निमोनिया के उपचार के लिए 2004 में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश कुमार के पास लेकर आए थे। डॉक्टर ने खून चढ़वाने की बात कही, जिस पर सदर बाजार स्थित ब्लड बैंक से खून खरीद कर चढ़वाया गया। बच्चे की तबीयत खराब हुई तो दोबारा जांच कराई, जिसमें बच्चा एचआईवी पॉजिटिव आ गया था।
वहीं सात दिसंबर 2004 को बच्चे को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया था। 12 अप्रैल 2005 को बच्चे की मौत हो गई। थाना सिविल लाइन में डॉ. गिरीश कुमार पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
इसके बाद 22 मार्च 2022 को हाईकोर्ट ने डॉ. गिरीश को राहत देते हुए मुकदमा रद कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश को बचाव पक्ष ने एसीजेएम द्वितीय की कोर्ट में पेश किया। निचली अदालत ने भी मुकदमा रद कर दिया है।