मध्यप्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर निर्वाचन आयोग, लेंगे चुनावी तैयारियों का जायजा

Election commission on three day tour of Madhya Pradesh, will take stock of election preparations
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भोपाल: देश के पांच राज्यों में सत्ता का समय पूर्ण होने पर आ गया है.अब निर्वाचन आयोग खुद अपने हाथ में कमान लेकर चुनाव कराएगा. 5 राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. जिन राज्यों में आगामी असेंबली चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम में शामिल हैं.

3 दिवसीय दौरे पर रहेगा चुनाव आयोग: विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा निर्वाचन आयोग 4 से 6 सितंबर को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा करेगा. तीन दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे निर्वाचन आयोग की आना कोई नई बात नहीं है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो चुनाव के पहले की जाती है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द तारीखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा, और आचार संहिता लागू कर दी जाएगी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त समेत तीन लोग आ रहे: तीन दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे चुनाव आयुक्त की टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) रजीव कुमार, चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल शामिल है.

छत्तीसगढ़-मिजोरम का हो चुका दौरा: आयोग चुनावी तैयारियों का जायजा लेने पहले ही मिजोरम और छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुका है. मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों की सदस्यता वाले इस आयोग के लिए कार्यक्रम की घोषणा से पहले राज्यों का दौरा करना सामान्य प्रक्रिया है.

अक्टूबर-नवंबर में चुनाव की संभावना: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम और राजस्थान में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है. मिजारोम विधानसभा का कार्यकाल 17 दिसंबर को खत्म हो रहा है. यहां मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है.

तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में विभिन्न तारीखों पर खत्म हो रहा है. तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार है, जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा, और छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है.

मध्यप्रदेश में इतनी विधानसभा सीटे हैं: एमपी में छोटी-बड़ी विधानसभा मिलाकर कुल 230 हैं. इन सभी सीटों पर आगामी समय में वोट डाले जाएंगे. फिर मतगणना के बाद नई सरकार प्रदेश की सत्ता पर विराजमान होगी. पूरी चुनाव प्रक्रिया का जिम्मा निर्वाचन आयोग के पास होगा. आयोग की देख-रेख में प्रदेश के चुनाव कराए जाएंगे.