बिहार में तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच सत्ता संघर्ष में ये नेता बने मोहरा!

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पटना। बिहार (Bihar) में इस साल नवंबर में होने वाले आरजेडी (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव से पहले पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Yadav) के दोनों बेटे तेजप्रताप (Tej Pratap) और तेजस्वी (Tejaswi Yadav) के बीच अब सत्ता संघर्ष और तेज हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि इन दोनों के संघर्ष में जगदानंद सिंह मोहरा भर हैं.

तेज प्रताप से नाराज चल रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जो पिछले 10 दिनों से पार्टी दफ्तर तक नहीं गए, उन्होंने आनन-फानन में बुधवार शाम को तेजस्वी यादव से मुलाकात की और फिर तेज प्रताप के बेहद करीबी आकाश यादव को छात्र आरजेडी के अध्यक्ष पद से हटा दिया.

जगदानंद सिंह ने कहा “छात्र आरजेडी अध्यक्ष पद काफी दिनों से खाली पड़ा था जिस पर अब मैंने गगन कुमार को मनोनीत किया है. तेज प्रताप से नाराजगी का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है.” इसपर तेज प्रताप ने ट्वीट करते हुए लिखा “जगदानंद सिंह ने जो फैसला लिया है वह पार्टी के संविधान के विपरीत है.”

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आकाश यादव को छात्र आरजेडी के अध्यक्ष पद से हटाकर गगन कुमार को नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान वैसे तो जगदानंद सिंह ने किया लेकिन इस फैसले के पीछे तेजस्वी यादव का हाथ माना जा रहा है क्योंकि तेजस्वी से ही हरी झंडी मिलने के बाद जगदानंद सिंह ने आकाश यादव की छुट्टी कर दी.

वहीं, जगदानंद सिंह के फैसले का समर्थन करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ”पार्टी में कोई भी फैसला लेने के लिए जगदानंद सिंह स्वतंत्र है. पार्टी में कौन रहेगा, कौन नहीं रहेगा.. पार्टी में क्या बदलाव होगा और पार्टी का विस्तार कैसे होगा सब पर फैसला लेने के लिए वह स्वतंत्र हैं.”

तेजस्वी को कमान मिलने की संभावना

सूत्रों की मानें तो तेजस्वी को मुख्यमंत्री का पद और पार्टी की कमान दोनों मिलने की संभावना को लेकर तेज प्रताप असहज हैं और इसी कारण से उन्होंने पिछले कुछ महीनों में पार्टी के अंदर अपनी सक्रियता को भी काफी बढ़ा दिया है. इसी का नतीजा है कि कई मौकों पर तेज प्रताप ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को लताड़ा भी है.

बीते दिनों छात्र आरजेडी के एक कार्यक्रम में उन्होंने जगदानंद सिंह को हिटलर कहा. इसी बैठक में जगदानंद सिंह पर निशाना साधते हुए तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं होती है. बता दें कि छात्र आरजेडी के इसी कार्यक्रम को लेकर उस दिन जो पार्टी दफ्तर पर बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगे थे, उसमें तेज प्रताप को प्रमुखता दी गई थी और तेजस्वी की तस्वीर उसमें से गायब थी. इस बात को लेकर भी तेजस्वी यादव, आकाश यादव से नाराज चल रहे थे.

जगदानंद सिंह केवल एक मोहरा भर!

ऐसे में यह स्पष्ट है कि असली लड़ाई परिवार के अंदर तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच चल रही है जिसमें जगदानंद सिंह केवल एक मोहरा भर हैं. आकाश यादव को उनके पद से हटाकर तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप को यह संदेश भी दे दिया है कि वह न केवल पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार है बल्कि पार्टी के तमाम फैसले भी उन्हीं के मर्जी से लिए जाते हैं.“

लालू ने किया था ऐलान

बुधवार शाम लालू के परिवार में जो हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला उसके पीछे तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच सत्ता संघर्ष की कहानी साफ दिखाई देती है. बता दें कि लालू प्रसाद ने काफी पहले यह घोषणा कर दी है कि आरजेडी जब भी सत्ता में आएगी तो उनका छोटा बेटा तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री बनेगा. इसी बीच नवंबर में लालू प्रसाद का राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है और नए अध्यक्ष का चुनाव होना है. माना जा रहा है कि खराब स्वास्थ्य के कारण लालू राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हट जाएंगे और तेजस्वी को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.