उत्तराखंड चुनाव में पुरोहितों ने भी ठोकी ताल, BJP को चेतावनी ‘टिकट नहीं दिए तो वोट नहीं मिलेंगे’

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देहरादून। उत्तराखंड चुनाव जैसे जैसे नज़दीक आ रहा है, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें एक के बाद एक बढ़ रही हैं. प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने की तरफ बढ़ रही भाजपा के सामने अब एक नई धमकी तीर्थ पुरोहितों की ओर से आ गई है. तीर्थ पुरोहितों ने भी अब चारों धामों में स्थित विधानसभा सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक दी है और 2 सीटों पर अपने कैंडिडेटों को टिकट देने की मांग की है. यही नहीं, तीर्थ पुरोहितों का साफ कहना है कि अगर भाजपा ने उनकी मांग नहीं मानी, तो तीर्थ से जुड़े अनुयायियों के वोट मिलने का मौका पार्टी गंवा देगी.

केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने भाजपा से चारों धाम की विधानसभाओं में से 2 सीटों पर तीर्थ पुरोहितों को टिकट देने की मांग की है. तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा कि पिछले कुछ सालों से यह मांग की जाती रही है और चुनाव चूंकि अब नज़दीक आ गए हैं, तो भाजपा से स्पष्ट मांग करने का सही समय है. पुरोहितों का कहना है कि भाजपा ने देवस्थानम बोर्ड भंग कर बदरी-केदार मंदिर समिति में अपने कार्यकर्ता को अध्यक्ष के तौर पर बिठा दिया. ऐसे में, तीर्थ पुरोहितों को भी विधानसभा चुनाव में टिकट मिलना चाहिए.

और उपेक्षा नहीं सहेंगे तीर्थ पुरोहित!
पुरोहितों ने चेतावनी देते हुए कहा कि दो सीटों पर अगर उम्मीदवार उनका न हुआ, तो भारतीय जनता पार्टी को पुरोहितों का एक भी वोट नही मिलेगा. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि पुरोहित हमेशा भाजपा के साथ रहे हैं, लेकिन इस बार वह लंबे समय की मांग उठा रहे हैं. वहीं केदारनाथ के पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बदरी केदार समिति में तीर्थ पुरोहितों की उपेक्षा होने की बात भी कही.

त्रिवेदी ने कहा, सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के बाद फिर से बदरी-केदार मंदिर समिति का गठन तो किया लेकिन अपने कार्यकर्ता को समिति का अध्यक्ष बना दिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम हैं, जहां के पुरोहित सालों से देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों की सेवा कर रहे हैं. अब उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का समय आ गया है इसलिए उन्हें भी भाजपा को टिकट देना चाहिए.