अभी अभीः मालदीव पर बड़े एक्शन की तैयारी में भारत! होने वाला है ये बडा फैसला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप की यात्रा और मालदीव के मंत्रियों की विवादित टिप्पणियों के अरब सागर में स्थित 36 द्वीपों वाला ये केंद्र शासित प्रदेश दुनियाभर में सुर्खियों में आ गया है। लक्षद्वीप में पर्यटन विकास के लिए नई योजनाओं पर काम शुरू भी हो गया है। सरकार का सबसे ज्यादा जोर टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। इसके लिए सरकार ने प्लान भी तैयार किया है। इसके तहत अगले पांच साल में लक्षद्वीप में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 6 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। लक्षद्वीप की प्राकृतिक खूबसूरती का पूरा देश कायल हो चुका है और मालदीव इससे जल रहा है।

साथ ही बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए बड़ा एयरपोर्ट विकसित किया जाएगा। अभी सबसे ज्यादा फोकस मिनिकाय द्वीप को विकसित करने पर है और यहीं पर एयरपोर्ट बनाने की तैयारी है। साथ ही दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू से कनेक्टिंग फ्लाइट की तैयारी भी की जा रही है।

360 से ज्यादा लगून विला विकसित किया जा रहा

सरकार लक्षद्वीप में 360 से ज्यादा लगून विला विकसित कर रही है। लक्षद्वीप प्रशासन ने केंद्र सरकार से एक और पानी के जहाज की मांग की है। साथ ही कोच्चि के अलावा केरल के बेपोर पोर्ट और कर्नाटक के मैंगलोर पोर्ट से भी कनेक्टिविटी की मांग की जा रही है। स्कूबाडाइविंग के अलावा लक्षद्वीप के बीच लोगों को बहुत भा रहे हैं और लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं।

चीन से लौट कर मोइज्जू ने क्या कहा?

भारत से विवाद के बीच चीन दौरे पर गए मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जु के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि हम बाहरी हस्तक्षेप का पूरजोर विरोध करेंगे। बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू पांच दिन बीजिंग में रहे और चीनी नेताओं व उनकी मेहमाननवाजी की जमकर तारीफ की है। मोइज्जू ने इस दौरान चीन के साथ कई अहम समझौते भी किए हैं।