मुजफ्फरनगर: नगर पालिका ने आईजीएल से लिए 5 करोड़ रुपये, जांच शुरू

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मुजफ्फरनगर। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड की ओर से पालिका को दिए गए पांच करोड़ रुपये की जांच शुरू हो गई है। रुपये किस मद में लिए गए, इसकी जांच कराई जाएगी। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने एसडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है। समिति को जांच के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

सरकार के साथ हुए समझौते में आईजीएल को खोदी गई सड़क को खुद ही बनाना था। सड़क निर्माण के लिए पालिका को रुपये देने का कोई प्रावधान नहीं है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड शहर में गैस की पाइप लाइन बिछाने का कार्य पांच वर्षों से कर रही है। समझौता हुआ था कि कंपनी जहां भी सड़क की खोदाई करेगी, वहां स्वयं ही ठीक कराएगी। शहर का हाल यह रहा कि आईजीएल सड़क खोदवाती रही और बिना बनाए छोड़ती रही। ठीक कराने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इसी साल की शुरूआत में नगर पालिका ने कंपनी को नोटिस जारी किया। इसके बाद कंपनी और पालिका के बीच बातचीत हुई और कंपनी ने सड़कें ठीक कराने के बजाय पालिका को पांच करोड़ रुपये जारी कर दिया। सरकार और आईजीएल के बीच पैसा लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी तक मामला पहुंचा। इसके बाद एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने एसडीएम मोनालिसा जौहरी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की है। यह जांच कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट बनाकर देगी।

आईजीएल ने दिया था प्रस्ताव
नगर पालिका के एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने यह प्रस्ताव दिया था कि पालिका की सड़क खोदकर जो नुकसान हुआ है उसे वह देने को तैयार है। सड़क बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त साधन नहीं थे। इस कारण हमने उनसे अब तक पांच करोड़ लिया है।

चार साल में कुछ नहीं किया था
नगर पालिका के ईओ हेमराज का कहना है कि जब चार साल में आईजीएल ने तोड़ी गई सड़कें सही नहीं कीं तो उन्हें नोटिस भेजा गया। इसके बाद उन्होंने पालिका के सामने प्रस्ताव रखा। समस्त पैसा इसी वर्ष आया है।

जांच समिति जल्द देगी रिपोर्ट
एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि शिकायत के बाद जांच समिति का गठन कर दिया गया है। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।