आपने कई बार देखा होगा महिलाएं पांवों में बिछिया पहनती है लेकिन क्यों इसके बारे में नहीं जानते होंगे। सुहागिन औरतें ही क्यों पहनती है और इनके क्या लाभ जीवन में होते हैं। इन सबके फायदाें के बारे में आज हम आपको बताएंगे। बिछिया पहनने का चलन सनातन परंपरा में वैदिक युग से शुरु हुआ था जो अब तक चल रहा है।
# ऐसा कहा जाता है कि स्वास्थ्य सुहागिन महिलाओं का बिछिया पहनने से अच्छा होता है। बिछिया के बारे में इस तरह से रामायण काल में बताया गया है।
# बिछिया पहनने का चलन पांव की बीच की तीन उंगलियों में है। महिलाओं के गर्भाशय और दिल से संबंध इस उंगली की नस रखती हैं। गर्भाशय और दिल से संबंधित बीमारियों की संभावनाएं पैर की उंगली में बिछिया पहनने से नहीं होती है।
# सोने व चांदी की बिछिया होती है और अनुकूल प्रभाव इसके पैरों की उंगली में पहनने से होता है। शरीर को ऊर्जावान चांदी ध्रुवीय ऊर्जा बनाती है। साथ ही मन को भी बिछिया शांत रखती है।
# महिलाओं का मासिक चक्र बिछिया पहनने से नियमित रहता है। एक्यू प्रेशर का काम बिछिया पांव की उंगलियों में करती है।