घर में 43 लड़कियों को देख पुलिस हुई हैरान, शक के बाद ऐक्शन; 62 लड़के भी मिले

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रामगढ़। झारखंड पुलिस को सूचना मिली कि एक घर में दर्जनों लड़कियों और लड़कों को बंधक बनाया गया है। इनपुट मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। वहां 100 से ज्यादा लड़के-लड़कियां मौजूद थे। पुलिस को एक साथ इतने लड़के-लड़कियों को देखकर संदेह हुआ। पुलिस ने 43 लड़कियों का रेस्क्यू किया। लेकिन सभी लड़कियां वापस उसी जगह आ गईं और पुलिस पर परेशान करने का आरोप भी लगाया। यह रामगढ़ का मामला है।

पुलिस को शक
दरअसल, कांकेबार स्थित एक निजी आवास से प्रशासन और पुलिस की ज्वाइंट टीम ने गुरुवार देर रात को कुल 43 युवतियों को रेस्क्यू कर सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया। प्रशासन को सूचना मिली थी कि कांकेबार स्थित एक आवास में सैकड़ों युवक और युवतियों को बंधक बना कर रखा गया है। जब पुलिस की टीम वहां पहुंची तो देखा गया कि सैकड़ों युवक और युवती वहां मौजूद हैं। जिसे देख सभी को संदेहास्पद प्रतीत हुआ।

लड़कियों का रेस्क्यू
तत्काल अनुमंडल पदाधिकारी आशीष गंगवार ने सभी युवतियों को वहां से सखी वन स्टॉप सेंटर में ले जाने का निर्देश दिया। इसके बाद महिला थाना प्रभारी ने सभी 43 युवतियों को वहां से रेस्क्यू कर सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया। जहां से जांच के बाद शुक्रवार देर शाम सभी युवतियों को छोड़ दिया गया। इसके बाद सभी युवतियां वापस उसी स्थान पर पहुंच गई हैं।

लड़कियों ने लगाया आरोप
मामले को लेकर युवतियों ने बताया कि वे मार्केटिंग कंपनी के लिए काम करती हैं। लेकिन अचानक देर रात पुलिस आती है और उनके साथ बुरा बर्ताव करते हुए बिना उनका पक्ष जाने जबरन सभी को ले जाती है। उन्होंने बताया कि वे गरीब परिवार से आती हैं, जिस कारण रोजगार के चलते यहां पर काम करने आई हैं।

सुरक्षा कारणों से लिया गया था ऐसा फैसला: एसडीओ
रामगढ़ के एसडीओ आशीष गंगवार ने बताया कि गुरुवार देर रात में सूचना मिली थी कि कांकेबार स्थित एक निजी आवास में सैकड़ों युवक युवती बंधक बनाए गए हैं। सूचना पर वहां जाने पर देख गया कि दर्जनों युवक युवती आवास के छत पर बैठे हुए थे। शुरुआत में वहां युवक युवतियों की उपस्थिति संदेहास्पद प्रतीत हो रही थी। युवतियों के सुरक्षा कारणों के चलते सभी को वहां से सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया। जांच अभी चल रही है। लेकिन शुरुआती जांच में पाया गया कि सभी युवक और युवती कंपनी को 25 हजार देकर इस मार्केटिंग कंपनी में काम कर रहे हैं। लेकिन जो आरोप युवतियों की ओर से लगाया जा रहा है कि पुलिस ने उनसे बुरा बर्ताव किया है, वो बिल्कुल गलत है।

युवक-युवतियां करती हैं होम प्रोडक्ट की मार्केटिंग
प्रशासन और पुलिस की टीम सूचना के बाद जब निजी आवास पहुंची तो देखा कि वहां करीब 105 युवक और युवती बैठे हुए थे। जिसमें 62 युवक और 43 युवती शामिल थीं। सभी युवक और युवती गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा जिले के रहने वाले हैं। सभी यहां केआरएस मल्टीप्ल प्रोडक्ट कंपनी का मार्केटिंग का काम करते थे। उसी कंपनी के मैनेजर सभी युवक युवतियों के साथ प्रोडक्ट की सेल को लेकर मीटिंग कर रहे थे।