राजस्थान से रेलवे ने छीनी यह सुविधाएं, वापस लिए 223 ट्रेन ठहराव

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जयपुर। प्रदेश की जनता ने दोनों बार भाजपा को पूर्ण समर्थन देते हुए विजय दिलाई थी. इसके बावजूद प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने की बजाय लगातार रेल सुविधाएं कम की जा रही है. छोटे स्टेशन पर ठहराव वाली पैसेंजर गाड़ियों को एक्सप्रेस का दर्जा देकर छोटे स्टेशनों पर ठहराव हटा दिए गए, जो आजतक वापस बहाल नहीं किए गए. ऐसे में यह साफ जाहिर हो रही है कि केंद्र सरकार की मंशा इन छोटे स्टेशनों को खत्म करने की है. प्रदेश के स्टेशनों पर पिछले सात साल में जितने नये ट्रेन ठहराव दिए गए. उससे तीन गुना तो सिर्फ 2020 में कम यात्री भार का हवाला देते हुए वापस ले लिए गए.

आरटीआई कार्यकर्ता दीनदयाल बंग ने उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मंडलों से 2020 में ठहराव वापस लेने की जानकारी मांगी थी, जिसमें यह जानकारी सामने आयी थी.

उत्तर पश्चिम रेलवे के स्टेशनों से वापस लिए 323 ठहराव
राजस्थान के अस्सी फीसदी हिस्से को कवर करने वाले उत्तर पश्चिम रेलवे के स्टेशनों से 2020 में 223 ठहराव कोराना काल में कम यात्री भार का हवाला देते हुए वापस ले लिए गए. जबकि पिछले सात साल में दिए गए ठहराव की बात करें तो सात साल में सिर्फ 82 नये ठहराव प्रदान किये थे.

जोधपुर मंडल से वापस हुए सर्वाधिक ठहराव
जोधपुर मंडल के स्टेशनों पर जितने ठहराव दिए उससे पांच गुना ठहराव वापस लिए गए. जोधपुर मंडल के स्टेशनों से कुल 108 ठहराव वापस लिए गये जबकि पिछले सात साल में 21 नये ठहराव दिए गए थे.

जोधपुर – अबोहर पैसेंजर को एक्सप्रेस का दर्जा देकर जोधपुर मंडल के 16 और बीकानेर मंडल के 17 स्टेशनों से ठहराव वापस ले लिया गया. ऐसे में छोटे स्टेशनों के यात्रियों को रेल सुविधाओं से वंचित किया गया है.
डिवीजन ठहराव दिए ठहराव वापस लिए
जोधपुर 21 108
बीकानेर 06 59
जयपुर 35 46
अजमेर 20 10

आरटीआई कार्यकर्ता दीनदयाल बंग ने बताया कि सांसद दीया कुमारी अब तक रेलमंत्री से बहुत मुलाकातें की. हर मुलाकात के बाद ऐसी एक प्रेस रिलीज जारी हुई, लेकिन अब तक क्या मिला? ऐसे ही समय गुजर जायेगा. जैसे नतीजे प्रदेश ने भाजपा को लोकसभा चुनावों में दोनों बार दिये थे उसके अनुरुप तो 1% भी काम प्रदेश में नहीं हो पाया. केन्द्र के काम नहीं करने के चलते प्रदेश सरकार की सत्ता विरोधी लहर भी नहीं बन पा रही है. उलटा केन्द्र के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. में आपको जमीनी हकीकत बता रहा हूं. आपके आस पास के लोग आपको सही तस्वीर नहीं बता पा रहे होंगे. जिस तरह एक साथ इतनी मांगे रख रही है ऐसे काम शायद नहीं होगा, क्योंकि ऐसे ही पूर्व सांसद हरिओम सिंह करते थे इसलिए अपने पूरे कार्यकाल में सिर्फ दो ट्रेनों का ठहराव ब्यावर में करा पाये. वहीं, एक-एक कर तुरन्त मांग मनवाने वाले पूर्व सांसद नागौर सीआर चौधरी जी अपने लोकसभा क्षेत्र में सात ट्रेनों का ठहराव करवाया था और जोधपुर – दिल्ली सराय को सप्ताह में दो दिन से रोजाना करवाया. जनता ने दो बार 25 में 25 सीट दी.