उत्तराखंड में बरसात बनी आफत, नदियों के उफान के बाद पुल टूटे-सड़कें बहीं-ग्रामीण-यात्री फंसे

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मानसून में बरसात शुरू होते ही उत्तराखंड के दर्जनों गांव हर साल की तरह इस बार भी कालापानी जैसी सजा भुगत रहे हैं। कहीं सड़कें पहली बारिश से ही बंद हैं तो कहीं जरा सी बारिश में नदी का रौद्र रूप पुल न होने के कारण ग्रामीणों की राह रोक रहा है। इस कारण हजारों की आबादी जरूरी सामान लाने ले जाने के लिए जान जोखिम में डालकर सफर कर रही है।
उत्तरकाशी जिले के सरबाड़ियार पट्टी के गौड, छानिका और पौंटी गांव के ग्रामीणों को इन दिनों जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। एक हजार से ज्यादा आबादी वाले इन गांव को जोड़ने वाली पुल की एप्रोच रोड एक सप्ताह पहले बह गई थी। क्षेत्र के अरविंद सिंह जयाड़ा ने बताया कि तीनों गांव के विस्थापन की कार्रवाई 1990 से चल रही है।

जिले में कांडा तहसील के नरगोली नदी में दो साल से पुल नहीं बनने से बरसात के दिनों में नरगोली, चंतोला, खारीगांव, औलानी, अठपैसिया, कपूरी, देवलेत, ठांगा, पटौली, देवतोली, बगराटी, घोड़ागाड़, ढानण, तुषरेड़ा आदि गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। इसका नुकसान पांच हजार की आबादी को उठाना पड़ रहा है।