भागलपुर/ मुजफ्फरपुर। तेज बारिश के कारण पूर्व व उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि तेजी से होने लगी है। पूर्व बिहार में कोसी और सीमांचल की नदियां उफान पर हैं। बांका में चीर नदी पर बना पंजवारा-गोड्डा मुख्य सड़क पर बना डायवर्सन बह गया। इस कारण बिहार -झारखंड के बीच गोड्डा जिला होकर आना-जाना मुश्किल हो गया है। अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
सहरसा में एक दर्जन स्कूलों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। खगड़िया के संतोष जलद्वार के पास बागमती खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। अलौली प्रखंड के उत्तरी बोहरवा गांव में शुक्रवार की रात से शनिवार की सुबह तक सात घर इसमें विलीन हो गए। पश्चिम चंपारण में गंडक के जलस्तर में वृद्धि हुई है। अररिया जिले में बकरा, कनकई व परमान नदियों में आई बाढ़ से कई पंचायतें प्रभावित हैं। फसलें डूब गई है। आधा दर्जन से अधिक गांवों का सड़क संपर्क भंग हो गया है।
महानंदा का जलस्तर बढ़ा
कटिहार में महानंदा का जलस्तर बढ़ने से आजमनगर, सालमारी, कदवा, बलरामपुर के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश किया। पिछले 24 घंटे में 26 सेंटीमीटर जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, अमदाबाद, प्राणपुर सहित अन्य प्रखंडों में कटाव जारी है। पूर्णिया में भी बाढ़ का पानी निचले इलाकों में फैलने लगा है। सहरसा में बलान और कोसी नदी के जलस्तर बढ़ने से महिषी प्रखंड के मध्य विद्यालय समानी के परिसर में, प्राथमिक विद्यालय रही टोला के वर्ग कक्ष में पानी प्रवेश कर गया है। इधर, शिवहर में बागमती के जलस्तर में हल्की वृद्धि हुई है। शिवहर-ढाका स्टेट हाईवे पर पानी के बहाव के चलते तीसरे दिन भी आवागमन बाधित रहा।