शिमला: हिमाचल प्रदेश में बनी 11 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने मई माह का अलर्ट जारी किया है। देश में कुल 35 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिसमें 30 फीसदी दवाओं का उत्पादन हिमाचल में हुआ है। सीडीएससीओ ने देशभर में कुल 895 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेज थे, जिसमें से 859 दवाएं गुणवत्ता के मानकों पर खरी उतरी हैं। जहां 35 दवाओं के सैंपल फेल हुए वहीं एक दवा जाली और एक मिसब्रांडेड पाई गई है। प्रदेश में जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें स्तन कैंसर, प्रोस्टेट, एलर्जी, एंटीबायोटिक, एसिडिटी, पेट व बुखार की दवाएं शामिल हैं।
इन दवाओं के सैंपल हुए फेल……
जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें सोलन जिले के कौंडी स्थित मेडियोन बाॅयोटेक कंपनी में हड्डियों की कमजोरी के लिए बनी एल्ट्राजोन इंजेक्शन, बद्दी के गुरुमाजरा स्थित सेलूस फार्मास्युटिकल्स कंपनी में स्तन कैंसर की दवा लेट्रोजोल टैबलेट, बद्दी के काठा स्थित एस्ट्रीका हेल्थकेयर कंपनी की गर्भपात के बाद होने वाले रक्तस्राव की दवा मिसोप्रोस्टोल के सैंपल फेल हुए हैं।
इसके अलावा बद्दी की प्रीत रेमीडीज कंपनी की संक्रमण की दवा एमोक्सी सिलिन कैप्सूल, सिरमौर के पांवटा साहिब की जी लेबोट्री की बच्चों की बुखार की दवा पैरासीटामोल, सिरमौर के मोगीनंद स्थित अकुरा केयर कंपनी की बाल झड़ने की दवा फिनास्टराइड टैबलेट, सिरमौर के कालाअंब स्थित पेट के गैस की दवा पेंटा प्रोजोल के सैंपल फेल हुए हैं। इसके अलावा नालागढ़ स्थित एलविस हेल्थ केयर की अल्सर की दवा रेंटेडाइन, सिरमौर के कालाअंब स्थित पुष्कर फार्मा कंपनी की जीवाणु संक्रमण की दवा एनरोफ्लाॅक्सासिन, बद्दी के गुरुमाजरा स्थित एलवी लाइफ साइंस की एलर्जी की दवा लिवोसिट्राजीन और बद्दी के ही साइपर फार्मा कंपनी में बनी बुखार, सिर दर्द की दवा आईबूप्रोफेन के सैंपल फेल हुए हैं।