Section 80C Benefit: बचाना है टैक्स तो ये फंड आएगा काम, फायदे का है सौदा और रिटर्न भी शानदार

Section 80C Benefit: If you want to save tax, then this fund will work, it is a profitable deal and the return is also great
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Tax Saving: लोगों की इनकम जब टैक्सेबल हो जाती है तो लोगों को टैक्स बचाने के लिए भी कई तरीके अपनाने पड़ते हैं. वहीं टैक्स छूट हासिल करने के लिए लोगों को कुछ निवेश करने की सलाह भी दी जाती है. आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश करके भी टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है. हालांकि जरूरी बात ये भी है कि टैक्स में छूट हासिल करने के लिए जिन स्कीम में निवेश किया जा रहा है, उसके रिटर्न और अन्य मुख्य चीजों पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकी उस स्कीम से भी बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सके. इसमें Voluntary Provident Fund (VPF ) भी एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और 5 साल की टैक्स सेवर FD जमा योजनाएं वेतनभोगी व्यक्तियों के बीच आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती का दावा करने के लिए बहुत लोकप्रिय हैं. हालांकि एक तीसरा विकल्प है जो इन दोनों से बेहतर है. वीपीएफ (स्वैच्छिक भविष्य निधि) के रूप में जाना जाता है, यह योजना पीपीएफ और एफडी की तुलना में बेहतर ब्याज दर प्रदान करती है. वेतनभोगी कर्मचारी अनिवार्य कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) लाभों के हकदार हैं. हालांकि, वीपीएफ ईपीएफ से अलग है.

ब्याज दर

VPF, जैसा कि नाम से पता चलता है, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध एक स्वैच्छिक योगदान सुविधा है. 15 साल के अनिवार्य लॉक-इन के साथ पीपीएफ के तहत मौजूदा ब्याज दर 7.1% है. वीपीएफ में, लॉक-इन अवधि सिर्फ 5 वर्ष है और वर्तमान ब्याज दर 8.1% है. वहीं पीपीएफ जमा से अर्जित ब्याज कर-मुक्त है, जबकि वीपीएफ के मामले में, संयुक्त जमा (वीपीएफ + ईपीएफ) पर 2.5 लाख रुपये तक का ब्याज कर-मुक्त है.

आपातकालीन निकासी

वीपीएफ से किसी भी समय आपातकालीन निकासी की अनुमति है. हालांकि, पीपीएफ के मामले में आप 5 साल बाद ही इमरजेंसी निकासी कर सकते हैं. अधिकांश बैंकों के जरिए टैक्स-सेवर FD पर दी जाने वाली ब्याज दर लगभग 5 से 6% है, जिसमें 5 साल का अनिवार्य लॉक-इन है. VPF बहुत अधिक ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.

अन्य स्कीमों से भी ज्यादा ब्याज

VPF का ब्याज भी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) जैसी स्कीमों से ज्यादा होता है. टैक्स-सेवर FD से अर्जित ब्याज निवेशकों के टैक्स स्लैब के अनुसार कर योग्य है. टैक्स-सेवर FD से इमरजेंसी निकासी की अनुमति नहीं है. वहीं आप अपनी कंपनी में एचआर प्रतिनिधि को कहकर वीपीएफ में योगदान कर सकते हैं.