Why does China want Pakistan’s donkeys: कहा जाता है धरती पर गधों की हालत सबसे पतली होती है. सदियों से इंसानों का बोझ उठा रहे गधों को उस वक्त जरूर ठेस पहुंचती होगी जब किसी कामचोर को ‘गधा’ कहकर अपमानित किया जाता होगा. दुनिया के किसी भी देश में गधे भले ही बस बोझा ढोने के काबिल समझे जाते हों लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) के बारे में तो ये तक कहा जाता है कि उसके गधे इकॉनमी को भी कुछ दिनों के लिए संभाल लेते हैं. यानी पाकिस्तान के गधों का देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान होता है. ऐसा कैसे होता है ये खुलासा करने से पहले आपको बता दें कि इसकी एक बड़ी वजह चीन (China) भी है.
पाकिस्तानी गधों पर लट्टू चीन!
दरअसल गधों पर खासकर पाकिस्तानी गधों पर चीन इतना लट्टू है कि अगर उसे पाकिस्तान से किसी वजह से गधे मिलने में देरी होती है तो चीनी लोग बुरी तरह से परेशान हो जाते हैं. इसके बाद उन्हें काम चलाने के लिए अफ्रीकी देशों से गधे मंगाने पड़ते हैं. कहा जाता है कि गधों की असली अहमियत चीन समझता है. जिसका सीधा संबंध चीन के कारोबारियों से है. चीन में गधे की खाल की डिमांड बहुत ज्यादा है. इसके चलते वहां गधे हमेशा डिमांड में रहते हैं.
चीन में गधों की अहमियत
चीन में गधे की खाल का इस्तेमाल अनिद्रा, एनीमिया और प्रजनन संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है. वहां गधे की खाल से प्राप्त प्राथमिक उत्पाद को ‘इजाओ’ कहा जाता है, ये एक पारंपरिक दवा है जिसका उपयोग चीन में हजारों साल से होता आ रहा है. पहले इस दवा का इस्तेमाल चीन के शाही राजा यानी खास लोग ही करते थे. पर अब इसकी डिमांड चीन के मध्यम वर्ग के बीच काफी बढ़ गई है. इस दवा के उत्पादन में गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन को खनिज युक्त पानी के साथ मिलाया जाता है. बता दें कि गधे की त्वचा को 99 अलग-अलग चरणों में उबालने के बाद कोलेज प्राप्त किया जाता है. हालांकि इन दावों में क्लीनिकल प्रमाण की कमी है. यानी मेडिकल साइंस इस दवा के फायदों की पुष्टि नहीं करता है.
गधों की वजह से पाकिस्तान को पसंद करता है चीन?
चीनी कारोबारी गधे की खाल से ब्यूटी प्रोडक्ट बनाकर करोड़ों रुपये कमाती हैं. गधे की खाल के आयात को आसान बनाने के लिए चीन सरकार इंपोर्ट ड्यूटी को 5% से घटाकर 2% कर चुकी है. अब बता दें कि पाकिस्तान गधों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. ऐसे में यह समझने में कोई मुश्किल नहीं है कि चीन पाकिस्तान को इतना पैंपर क्यों करता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में गधों की अनुमानित आबादी 4.9 मिलियन है. वो इसे और बढ़ाना चाहता है. पाकिस्तान कई सालों से चीन को गधे एक्सपोर्ट कर रहा है. डेरा इस्माइल खान और मनसेहरा की दो बड़ी फर्मों की इस काम में बड़ी भागीदारी है. पाकिस्तान से चीन को गधे की खाल की अवैध तस्करी भी होती है.