कोरोना संक्रमण के चलते बिहार के सभी जिलों में बनेंगे ऑक्सीजन से लैस 100 से 500 तक बेड

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पटना। बिहार में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी जिलों में एक सौ से पांच सौ तक का अस्थायी ऑक्सीजन युक्त बेड तैयार करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर राज्य में चिकित्सा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए पटना सहित सभी जिलों में 100 से 500 बेड के अस्थायी ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए बीएमएसआईसीएल को इमरजेंसी प्रोटोकॉल के लिए प्राधिकृत किया गया है।

300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने की मांग
प्रधान सचिव ने बताया कि बिहार ने केंद्र सरकार से 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन आवंटित करने की मांग की है। 72 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की रोज खपत है। राज्य में जिस तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसको देखते हुए 300 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के समक्ष अभी सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में क्रायोजेनिक टैंक की व्यवस्था किये जाने की चुनौती है। क्रायोजेनिक टैंक में लिक्विड ऑक्सीजन रखा जाता है। बर्फ के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन को फिर आवश्यकता के अनुसार सेपरेटर के माध्यम से गर्म कर मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइपलाइन के माध्यम से ओटी और बेड तक की जाती है। उन्होंने बताया कि कोरोना जांच को लेकर राज्य सरकार ने तत्काल 100 ट्रू नेट मशीन की खरीद का भी निर्णय लिया है।
केंद्र ने बिहार के लिए 24,604 रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया
केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 24,604 रेमडेसिविर का आवंटन किया है। इस दवा को विभिन्न कंपनियों द्वारा बिहार को आपूर्ति की जाएगी। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि केंद्र से आवंटित रेमडेसिविर प्राप्त करने के लिए बीएमएसआईसीएल के प्रबंध निदेशक और राज्य के नोडल पदाधिकारी दवा निर्माण करने वाली कंपनियों से संपर्क में हैं। जायड्स कैडिला से 14,000 वॉयल, हेट्रो से 6500 वॉयल, मयलन कंपनी से 1000 वॉयल, सिप्ला से 2000 वॉयल और जुबीनेट कंपनी से 1000 वॉयल रेमेडिसिवर इंजेक्शन प्राप्त होगा।

डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेड आरक्षित होंगे
प्रधान सचिव ने बताया कि पिछले वर्ष ही मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोरोना संक्रमित डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेड आरक्षित किये गए थे, इसे इस वर्ष भी जारी रखा जाएगा। गुरुवार को सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सभी जिलों के पांच- पांच डॉक्टरों कुल 200 डॉक्टरों को कोविड के मरीजों के इलाज के प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया गया। ये सभी डॉक्टर मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने अपने जिलो में सभी डॉक्टरों को इलाज के प्रोटोकॉल का पालन किये जाने का प्रशिक्षण देंगे।