जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा का डंका, कई जिलों में निर्विरोध जीत

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर नामांकन खत्म हो गया है. इसी के साथ ये तस्वीर निकलकर सामने आ गयी है कि अभी की स्थिति में सत्ताधारी दल भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है. नामांकन की समय सीमा खत्म होने के बाद ये पता चल गया है कि कितने जिलों में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ किसी ने नामांकन नहीं किया. इससे ये साफ हो गया है कि इन जिलों में भाजपा प्रत्याशी की जीत हो गयी है. हालांकि औपचारिक ऐलान होना अभी बाकी है. वैसे तो राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अभी ये डेटा जारी नहीं किया गया है कि किस जिले में कुल कितने नामांकन पत्र दाखिल किये गये हैं. लेकिन न्यूज़ 18 की टीम ने इससे पहले ही आंकड़े जमा किये हैं.

खबर लिखे जाने तक ये पता चला कि 14 सीटों पर सिर्फ एक ही नामांकन किया गया है. यानी 14 के 14 सभी निर्विरोध निर्वाचित हो जायेंगे. इसमें इटावा की सीट सपा के खाते में जबकि बाकी 13 पर भाजपा प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है. 1-झांसी -भाजपा के पवन गौतम निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए, 2- श्रावस्ती में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा का प्रत्याशी हुआ निर्विरोध, 3- गोंडा- भाजपा समर्थित प्रत्याशी घनश्याम मिश्र का निर्विरोध चुना जाना तय, 4- गाजियाबाद- जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी प्रत्याशी ममता त्यागी का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है.

5- अमरोहा- सपा से शकीना बेगम का पर्चा हुआ खारिज, 6- गौतमबुद्ध नगर- अमित चौधरी का निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय, 7- बलरामपुर- 21 साल की आरती तिवारी का निर्विरोध चुना जाना तय, 8- इटावा- समाजवादी गढ़ में एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मुलायम परिवार का कब्जा, 9- गोरखपुर- सीएम योगी के गढ़ में बीजेपी की जीत तय, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी साधना सिंह के अलावा और किसी ने नहीं भरा पर्चा, 10- ललितपुर- बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर कैलाश नारायण निरंजन का निर्विरोध निर्वाचन होना तय.

11- मुरादाबाद- भाजपा उम्मीदवार का जीत का रास्ता हुआ साफ़, 12- आगरा- भाजपा की मंजू भदौरिया के निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ़, 13- चित्रकूट- जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक जाटव का निर्विरोध चुना जाना तय, 14- मऊ – BJP समर्थित मनोज राय का निर्विरोध तय. हालांकि अभी से सपा के नेता शिकायत करने लगे हैं कि उनके प्रत्याशियों को जिला प्रशासन ने नामांकन दाखिल ही नहीं करने दिया.