राजस्थान की आम जनता को बड़ा झटका, महंगाई और रुलाएगी

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जयपुर। राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक चिंता बढ़ाने वाली खबर है। फ्यूल सरचार्ज के नाम पर विद्युत उपभोक्ताओं को 16 पैसे प्रति यूनिट अधिक देने होंगे। इसके लिए डिस्कॉम्स ने ऑडिटर को प्रस्ताव भेजा है और सम्भव है कि यह सरचार्ज इसी माह लागू हो जाए। यह राशि जनवरी से मार्च तक उपभोग की गई बिजली यूनिट के अनुसार जुड़ेगी।

सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कांग्रेस सरकार में उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज के रूप में अब तक 42 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार डाला जा चुका है। अब फिर से यह सरचार्ज बढ़ाकर बिजली वितरण कम्पनियां लगभग 225 करोड़ रुपए वसूलेंगी।

70 लाख ‘खास’ उपभोक्ता, उनका भार भी अन्तत: आम उपभोक्ता पर ही
राज्य में 1.52 करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं। इनमें 13 लाख कृषि उपभोक्ता, 16 लाख बीपीएल श्रेणी और 41 लाख छोटे घरेलू कनेक्शनधारी यानी 50 यूनिट से कम खपत वाले उपभोक्ता हैं। इनके फ्यूल सरचार्ज की राशि सरकार वहन करती है क्योंकि सब्सिडी का भार सरकार ही उठा रही है। अप्रत्यक्ष रूप से इन सभी का भार भी बाकी (आम) उपभोक्ताओं पर ही डाला जा रहा है।

दोनों सरकारों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर भार
1. मौजूदा कांग्रेस सरकार में
जनवरी से मार्च 2019 —— 28 पैसे

अप्रेल से जून 2019 —— 47 पैसे
जुलाई से सितम्बर 2019 —— 27 पैसे

अक्टूबर से दिसम्बर 2019 —— 39 पैसे
जनवरी से मार्च 2020 —— 30 पैसे

अप्रेल से जून 2020 —— 28 पैसे
जुलाई से सितम्बर 2020 —— शून्य

अक्टूबर से दिसम्बर 2020 —— 7 पैसे

2. पिछली भाजपा सरकार में
वर्ष 2014 —— 63 पैसे
वर्ष 2015 —— 6 पैसे
वर्ष 2016 —— 30 पैसे
वर्ष 2017 —— 64 पैसे
वर्ष 2018 —— 30 पैसे

तर्क और हकीकत
1. तर्क: राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरईआरसी) फिक्स दर के साथ वेरिएबल दर के हिसाब से टैरिफ निर्धारित करता है। वेरिएबल दर का निर्धारण कोयला, डीजल व परिवहन खर्च से किया जाता है। बिजली खरीद के दौरान जो फ्यूल की खरीद दर होती है और अनुबन्ध में जो दर निर्धारित है, उनकी अन्तर राशि की फ्यूल सरचार्ज के रूप में जनता से बिजली बिल के जरिए वसूली करते हैं।

2. हकीकत: ईमानदारी से बिजली उपभोग करने वालों पर इसका सीधा भार पड़ रहा है क्योंकि बिजली चोरी करने वालों से होने वाली हानि की गणना भी इस चार्ज शामिल होती है। न तो बिजली चोरी करने वालों पर असर है, न ही उन जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होती है जो इसे रोक नहीं पा रहे हैं।