राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, इन लोगों को मिलेगा 200 दिन का रोजगार

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जयपुर। कोरोना काल की मुश्किल घड़ी में गहलोत सरकार मनरेगा में 100 दिन का अतिरिक्त रोजगार देगी. राज्य सरकार ने प्रदेशभर के विशेषयोग्यजनों और बारां, उदयपुर के जनजाति परिवारों के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले से हजारों परिवारों को नरेगा में दोगुना रोजगार मिलेगा.

बारां, उदयपुर के जनजाति परिवारों को मिलेगा रोजगार
कोरोना काल की दूसरी से रोजगार छिन लाने के कारण लोगों की कमर टूट गई, लेकिन राजस्थान में मनरेगा योजना तारणहार बनकर सामने आई है. कोरोना की बेहद विषम परिस्थतियों के बीच राजस्थान में मनरेगा के जरिए 100 दिन की जगह 200 दिन का रोजगार मिलेगा ताकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों को कुछ राहत मिल सके.

सरकार ने ये फैसला दो वर्गों के लिए लिए लिया है. पहला राज्य के दिव्यांगजनों और दूसरा जनजाति परिवार. राज्य सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत बारां के सहरिया, खैरूआ जनजाति और उदयपुर की कथौडी जनजाति परिवारों को दुगुना रोजगार मिलेगा.

मस्टररोल नरेगा सॉफ्ट से ही जारी की जाएगी
राज्य में दोनों वर्गों के श्रमिकों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 100 दिवस पूर्ण करने के बाद नियमानुसार रोजगार की मांग किये जाने पर 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, यानि श्रमिकों को 200 दिवस का रोजगार प्रति परिवार उपलब्ध कराया जाएगा. आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा अभिषेक भगोतिया (Abhishek Bhagotiya) ने समस्त जिला कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक ईजीएस को पत्र लिखा है. अतिरिक्त रोजगार के लिए मस्टररोल नियमानुसार नरेगा सॉफ्ट से ही जारी की जाएगी.

रोजगार दिलाने की इनकी होगी जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक महात्मा गांधी नरेगा सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद और पंचायत समिति स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी महात्मा गांधी नरेगा सह विकास अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि 100 दिवस का यह अतिरिक्त रोजगार केवल पात्र परिवारों को ही उपलब्ध कराया जाए और अन्य परिवारों को योजनान्तर्गत नियमानुसार 100 दिवस का रोजगार ही दिया जाए. 100 दिवस के अतिरिक्त रोजगार हेतु बजट राज्य मद से उपलब्ध कराया गया है.