1 जुलाई से लागू होंगे 3 नए आपराधिक कानून, हाईटेक होगी हिमाचल पुलिस

3 new criminal laws will be implemented from July 1, Himachal Police will become hi-tech
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शिमला: देशभर में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे. नए आपराधिक कानून के तहत अब लोग अपनी शिकायत किसी भी पुलिस स्टेशन में करवा सकेंगे. अभी तक पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र वाली शर्त थी, उसे खत्म कर दिया गया है. थाने में ‘जीरो एफआईआर’ के रूप में शिकायत दर्ज करना अनिवार्य किया गया है. जीरो एफआईआर दर्ज होने के बाद इसे संबंधित थाने को शिफ्ट कर दिया जाएगा. बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से शिमला के बचत भवन में आयोजित कार्यशाला ‘वार्तालाप’ में इन तीन कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. जो नए आपराधिक कानून लागू होंगे उनमें भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 शामिल हैं.

नए कानूनों को लेकर दी जा रही ट्रेनिंग

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी-लॉ एंड ऑर्डर) अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि हिमाचल इन कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस कानून को लागू करने के लिए हिमाचल में काफी समय से काम चल रहा है. पहले चरण में एसएचओ, थाने व चौकी के मुंशी को ट्रेनिंग दी गई है. दूसरे चरण में जांच अधिकारी (आईओ) जिनमें इंस्पेक्टर, हैड कांस्टेबल, डीएसपी स्तर के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. कानून के बारे में उन्हें बताया जा रहा है.

नए कानूनों में टेक्नोलॉजी का ज्यादा यूज

एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि इन कानूनों में तकनीक का ज्यादा उपयोग है. लोग इन कानून के बारे में ई संकलन एप व ई साक्षिका एप पर भी पढ़ सकते हैं. ट्रेनिंग के बाद एक टेस्ट भी लिया जाएगा. राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय शिमला के प्रो. गिरजेश शुक्ला व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार शर्मा ने कानूनों के महत्व व इनकी जरूरत क्यों पड़ी इसके बारे में बताया.

आईपीएस अधिकारी रोहित मालपानी ने बताया कि इन कानूनों में तकनीक पर ज्यादा फोकस किया गया है. हर चीज को समयबद्ध किया गया है. जैसे एफआईआर कितने समय दर्ज करनी होगी, कितने समय में शिकायतकर्ता को एफआईआर की कॉपी मिलनी चाहिए, जांच की रिपोर्ट कितने दिन में तैयार होगी, चालान कब पेश करना है जब ये चीजें समय पर होगी तो न्याय मिलने में देरी नहीं होगी.

पुलिस के सर्च व रेड़ की वीडियोग्राफी जरूरी

आईपीएस अधिकारी रोहित मालपानी ने बताया कि पुलिस की ओर से किए जाने वाले सर्च अभियान व रेड़ की पूरी वीडियोग्राफी होगी. वीडियो एविडेंस को अनिवार्य किया गया है. बता दें कि पुलिस के सर्च अभियान व रेड को लेकर कई तरह के सवाल उठते थे, लेकिन अब नए कानून में वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है.

हर थाने में इंटरनेट सुविधा

एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि हिमाचल पुलिस के हर थाने में कंप्यूटर व इंटरनेट कनेक्शन है. किन्नौर व लाहौल-स्पीति में इंटरनेट की दिक्कत आती है, लेकिन वहां पर भी वैकल्पिक व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि हिमाचल पुलिस को इन कानूनों को लागू करने में कोई परेशानी नहीं होगी.