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पटना: बिहार में धूमधाम से मनाए गए छठ महापर्व के दौरान 53 घरों के चिराग बुझ गए। सूबे के अलग अलग जिलों में नदी, तालाब और पोखरे में छठ के दौरान डूबने से 53 लोगों की मौत हो गयी। बिहार एसडीआरफ ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सूबे में छठ के दिन 42 लोगों की मौत पर एक्शन में आ गए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबंधित जिले के जिलाधिकारियों को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को चिन्हित कर जल्द से जल्द मुआवजा उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। नीतीश कुमार ने परिजनों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। जांच के बाद जिलाधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय में रिपोर्ट सौपेंगे। हादसे के कारणों की छानबीन की जाएगी और घटनास्थल पर एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की भी जांच की जाएगी।
बिहार राज्य आपदा मोचन बल के अनुसार छठ पूजा के दौरान कुल 42 लोगों की डूबने से मौत हुई है। एसडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि 30 अक्टूबर को छठ पूजा के दिन पूर्णिया जिले में 5 , पटना, समस्तीपुर, सहरसा और मुजफ्फरपुर में 12, वहीं गया, बेगूसराय, कटिहार, बक्सर, कैमूर, सीतरही और बांका में 7 लोगों की डूबने से मौत हो गयी। छठ पूजा के अगले दिन 31 अक्टूबर को बिहार के अलग जिलों में 18 लोगों की डूबने से मौत हुई। मृतकों में ज्यादातर संख्या युवकों की है। छठ पूजा के बाद नदी और तालाब में नहाते समय हादसा हुआ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पूजा के दौरान डूबने से 42 लोगों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। नीतीश कुमार ने जिलाधिकारियों को मृतकों की शीघ्र पहचान कर परिजनों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है।