गर्मी का 45 परसेंट ज्यादा टॉर्चर, क्या बदलना पड़ जाएगा शहरों का नक्शा? हर जगह मचा कोहराम

45% more torture due to heat, will the map of cities have to be changed? There is chaos everywhere
45% more torture due to heat, will the map of cities have to be changed? There is chaos everywhere
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Temperature In India: गर्मी ने हाल बेहाल किया हुआ है. इतना ही नहीं निचले पहाड़ी इलाकों में भी अब तो लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है. लू की चपेट में आकर विभिन्न राज्यों में लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं. एक तरफ गर्मी ने कोहराम मचाया हुआ है तो वहीं राजधानी दिल्ली में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से 5.7 डिग्री ज्यादा है. अन्य राज्यों में तो रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ रही है.

इस बीच जानीमानी पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने कहा है कि भारत गर्मी के इस मौसम में अभूतपूर्व तपिश से जूझ रहा है और कोई भी इस स्तर की गर्मी के लिए तैयार नहीं है. नारायण ने एक हीट इंडक्स और आधुनिक शहरों के डिजाइन के तरीके में पूरी तरह बदलाव की जरूरत पर जोर दिया.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की डायरेक्टर जनरल नारायण ने कहा कि भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी प्राकृतिक रूप से घटने वाली अल नीनो घटना और जलवायु परिवर्तन का नतीजा है. उन्होंने कहा कि मिड और ईस्ट ट्रॉपिकल पैसिफिक ओशियन में समुद्री सतह असामान्य रूप से गर्म होने को अल नीनो कहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘कोई भी तैयार नहीं है. हमें बहुत साफ रहना चाहिए. साल 2023 वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म साल था. हमने पिछले 45 दिनों में 40 डिग्री से ऊपर के तापमान के साथ हर रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यह जलवायु परिवर्तन है. इस साल (2023-24) अल नीनो के कम होने से यह और भी मुश्किल हो गया है. इसका मतलब है कि हमें असल में अपने कामों को सिस्टमैटिक करने की जरूरत है. हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जोखिम वाले समुदाय कम प्रभावित हों.’

मौसम विभाग लाएगा ये तकनीक

मौसम विभाग ने पिछले साल अप्रैल में देश के विभिन्न हिस्सों के लिए एक एक्सपेरिमेंट हीट इंडेक्स जारी करना शुरू किया था. आईएमडी अधिकारियों ने कहा कि भारत जल्द ही अपनी प्रणाली लेकर आएगा, जिसे ‘हीट हैजर्ड स्कोर’ नाम दिया गया है, जो तापमान और आर्द्रता के साथ-साथ हवा और अवधि जैसे अन्य मापदंडों को भी इंटीग्रेट करेगा.

कांच की इमारतों से मचा कहर

नारायण ने कहा कि भीषण गर्मी आधुनिक कांच की इमारतों को भट्टियों में बदल रही है, जिससे रहने वालों को गर्मी लग रही है और इस गर्मी से निपटने के लिए नए आर्किटेक्चर साइंस की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘आज आपकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शहरों की रीकंस्ट्रक्शन कैसे की जाए. गुरुग्राम को देखें तो वहां की इमारतों के आगे के हिस्से कांच से बने हैं. कांच की इमारतें गर्म जलवायु के लिए सबसे खराब चीज हो सकती हैं.’

अप्रैल और मई में भारत में तेज और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी देखने के मिली, जिसने इंसानी सहनशक्ति और देश की आपदा तैयारियों की सीमाओं को पार कर गईं. इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी से संबंधित मौतों की सूचना आई.

गरीब लोगों के लिए आई आफत

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, देश के 36 सब-डिविजन में से 14 में एक मार्च से 9 जून तक 15 से अधिक भीषण गर्मी वाले दिन (जब अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस और सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक होता है) दर्ज किए. स्टडीज से पता चलता है कि तेजी से शहरीकरण ने शहरी क्षेत्रों में गर्मी को बढ़ा दिया है, जिसका खामियाजा बाहरी श्रमिकों और कम आय वाले परिवारों को भुगतना पड़ रहा है.

मई में गर्मी की वजह से असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों सहित देश भर में कई जगहों पर अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया. राजस्थान में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया और दिल्ली और हरियाणा में भी यह 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया.

बीटिंग रीट्रीट का बदला वक्त

प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों के एक समूह ‘वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन’ के अनुसार, ऐसी गर्मी, जो कभी हर 30 साल में आती थी, जलवायु परिवर्तन के कारण लगभग 45 गुना ज्यादा होने लगी है. वहीं राजधानी दिल्ली के लिए मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. शनिवार को औसतन तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इसके अलावा गर्मी को देखते हुए वाघा बॉर्डर पर अब बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी के समय में बदलाव किया गया है. अब बीटिंग रीट्रीट सेरेमनी शाम को 6.30 बजे से होगी.