राजस्थान में सांसदों-विधायकों पर 67 मुकदमें दर्ज, जानिए सबसे ज्यादा मामले किस पर?

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जयपुर। राजस्थान के विधायकों और सांसदों के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में कुल 67 मुकदमे दर्ज हैं। इस बात का खुलासा हाल ही सुप्रीम कोर्ट के एक टिप्पणी के बाद हुआ है। दरअसल हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों को उनके उच्च न्यायालयों की मंजूरी से वापस नहीं लिया जा सकता है। इसी संबंध में जब पता लगाने की कोशिश की गई, तो पता चला है कि राजस्थान में 67 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज है।

सांसद मीणा पर आमागढ़ मामले में भी केस दर्ज
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जुलाई तक ये सभी मामले जांच के विभिन्न चरणों में थे। मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पर 10 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके है, जो सबसे अधिक माने जा रहे हैं। उनके खिलाफ जयपुर और दौसा सहित कई थानों में मामले दर्ज किए गए थे। एक अगस्त को मीणा और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर निषेधाज्ञा की अवहेलना करने और आमागढ़ किले पर झंडा फहराने के आरोप में भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मीना के अलावा बूंदी के कोतवाली थाने में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।

नेताओं का कहना- ज्यादात्तर मुकदमें राजनीति प्रकृति के
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि राजनेताओं के खिलाफ कुछ सामान्य मामलों में रेलवे अधिनियम, मानहानि, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, उकसावे, लोक सेवकों को बाधित करने जैसे मामले शामिल हैं। “ज्यादातर मामलों में प्रतिद्वंद्वी स्थानीय नेताओं की ओर से अपने पास के पुलिस स्टेशनों में शिकायत दर्ज की जाती है, अधिकांश नेताओं का दावा है कि उनके खिलाफ मामले राजनीतिक प्रकृति के है।

केस दर्ज होने से मिलती है राजनीतिक ऊंचाई
अधिकारियों ने कहना कि कई मामलों ने राजनेताओं की अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ नेताओं की राजनीतिक ऊंचाई बढ़ा दी है। “कुछ नेताओं का कहना है कि ये मामले उनके खिलाफ दर्ज किए गए थे क्योंकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे। जानकारों का कहना है कि ऐसे मामले जो समाज और जनता से जुड़े होते है, उनमें कार्यवाही इसलिए मुश्किल होती है, क्योंकि नेताओं को इनमें जनता का समर्थन होता है। हालांकि ये इन मामलों में एफआईआर भी मुश्किलों से होती है, लेकिन बड़ी बात यह भी होती है कि ये मामले निवारक के रूप में इनकी मदद करते हैं।

सीआईडी करती है विधायकों- सासंदों के मामले की जांच
एक अधिकारी ने बताया कि विधायकों और सांसदों से जुड़े सभी मामलों को सीआईडी की ओर से पीएचक्यू में जांच के लिए लिया जाता है। यदि राज्य में कहीं भी किसी भी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो इसे आगे की जांच के लिए सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया जाता है।