शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो के नाम पर ठग डाले 9 करोड़, ऐसे खुला भेद

9 crores were swindled in the name of share trading and crypto, this is how the secret was revealed
9 crores were swindled in the name of share trading and crypto, this is how the secret was revealed
इस खबर को शेयर करें

नोएडा। सेक्टर-36 साइबर क्राइम पुलिस ने कारोबारी को शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे की बात कहकर 9 करोड़ 9 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर ठगों को बृहस्पतिवार को सूरजपुर रेलवे पुल के नीचे से गिरफ्तार किया गया है।

आरोपित साइबर ठगी करने वाले गिरोह को बैंक खाता उपलब्ध कराते थे। आरोपितों की पहचान बरेली के अकरम उर्फ सैम उर्फ लौकी, सुशील कुमार के रूप में हुई है।

आरोपितों के पास से 46 चेक बुक, सात पासबुक, एक क्यूआर कोड (आईसीआईसीआई बैंक), दो आधार क्यू आर कोड, तीन मोबाइल, टैबलेट, लैपटाप, जीएसटी फर्म, एसई इंवेस्टमेंट आवेदन की छायाप्रति बरामद की है।

फ्रीज कराए गए ये खाते
विभिन्न खाते में जमा एक करोड़ 64 लाख, विभिन्न प्लेटफॉर्म में क्रिप्टो करेंसी में जमा 6 लाख 99 हजार रुपये फ्रीज कराए हैं। सेक्टर-40 के कारोबारी रजत बोथरा ने साइबर क्राइम ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि साइबर ठगों ने पीड़ित को वॉट्सऐप ग्रुप में एड करके शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर लगभग 9 करोड़ 9 लाख रुपयों की ठगी की थी।

पुलिस शिकायत पर मामले की जांच कर रही थी। इसी मामले में दो आरोपितों गिरफ्तार किया गया है। आरोपित अकरम ने बताया कि अकरम वर्तमान में सिलाई का काम करता है।

सिलाई की दुकान में मिले और गिरोह में हुए शामिल
सिलाई की दुकान पर अकरम की पहचान शान नाम के एक युवक से हुई थी। शान के माध्यम से ही अकरम की मुलाकात गिरोह में शामिल सुशील श्रीवास्तव से हुई थी।

शान ने अकरम से कहा था कि अपना बैंक खाता उसे उपलब्ध करा दे। उसमें कुछ गेमिंग प्लेटफार्म का पैसा आएगा। जिसका एक प्रतिशत उसे प्राप्त होगा।

तब अकरम ने अपने बैंक खाते की यूजर आइडी पासवर्ड, लागिन आइडी पासवर्ड के साथ सुशील के भी बैंक खाते की डिटेल लेकर शान को उपलब्ध कराई थी। आरोपित ने ट्रांजेक्शन के दौरान आए सभी ओटीपी एप के माध्यम से शान को भेजे थे। शान से एक बैंक खाते के एवज में उसे दो लाख रुपये प्राप्त हुए थे।

क्रिप्टो करेंसी के रूप में मिली कमीशन
ठगी के दौरान पिछले दो साल में अकरम को लाखों रुपये क्रिप्टो करेंसी के रूप में कमीशन के रूप में शान ने दिए है। यह कमीशन उसे सी 98, कुकोइन एप, बिनेंस एप, एमईएक्ससी एप, ट्रस्ट वालेट, काइन डीसीएक्स, बिट बीएनएस, क्रिप्टो-काम आदि के माध्यम से प्राप्त हुई है।

वॉट्सऐप ग्रुप क्रिप्टो ट्रेडर्स में यूएस डालर भेजकर 20 हजार रुपये यूपीआइ के माध्यम से प्राप्त किए थे। शान को भी आरोपित ने यूएस डालर देकर 45 हजार रुपये प्राप्त किये थे। शेष रुपये आरोपित के वालेट में क्रिप्टो करेंसी के रूप में जमा है।

आरोपित से बरामद दस्तावेज व डिवाइस साइबर ठगी करने के साथ ठगी से पैसा प्राप्त करने में प्रयोग किए जाते है। शान की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। जांच में पचा चला है कि शान वर्तमान में दुबई में बैठकर साइबर ठगी का गिरोह चला रहा है। आरोपितों के खातों में विभिन्न राज्यों में एनसीआरपी पोर्टल पर 26 शिकायत दर्ज पाई गई है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग ठगी के मामले में आई तेजी
इन दिनों साइबर ठगी की वारदात में जिसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई हैं, उनमें ऑनलाइन ट्रेडिंग है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में जालसाज जल्द से जल्द इतने मुनाफा का सपना दिखा देते हैं कि लोग लालच में आकर लाखों, करोड़ों रुपये लगा देते हैं। ऐसा ही गूगल रिव्यू में भी है। गूगल रिव्यू में घर बैठे आसानी से लाखों की कमाई करने के चक्कर में लोग फंस रहे हैं। साइबर जालसाज वॉट्सऐप ग्रुप के अलावा ठगी के लिए सबसे अधिक टेलीग्राम प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।