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Himachal Latest Crime News: पंजाब पुलिस ने रविवार को पंजाब मूल के अनिवासी भारतीय (एनआरआई) पर हिमाचल में कथित हमले के संबंध में शून्य प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में पीड़ित ने आरोप लगाया कि चंबा जिले के डलहौजी शहर में पार्किंग को लेकर लोगों के एक समूह ने उसकी पिटाई कर दी थी. हिमाचल प्रदेश सरकार के एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है.
हिमाचल सरकार ने आदेश दिया है कि हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. अमृतसर के एक अस्पताल में इलाज करा रहे कवलजीत सिंह ने दावा किया कि 11 जून के हमले के दौरान उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया कि वह एक पंजाबी थे. पिछले 25 साल से स्पेन में रह रहे कवलजीत अपनी स्पेनिश पत्नी के साथ हाल ही में पंजाब लौटे थे और कुछ दिन पहले डलहौजी के खज्जर गए थे.
अमृतसर पुलिस ने दर्ज की जीरो FIR
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पुलिस अमृतसर पुलिस थाने से विवरण और संचार की प्रतीक्षा कर रही है और उसके अनुसार कार्रवाई करेगी. ‘जीरो प्राथमिकी’ किसी भी पुलिस थाने में दर्ज की जा सकती है, चाहे घटना का स्थान या अधिकार क्षेत्र कुछ भी हो और बाद में इसे उपयुक्त पुलिस थाने में स्थानांतरित किया जा सकता है.
ये है विवाद की वजह
हिमाचल पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार कवलजीत सिंह और उनकी स्पेनिश पत्नी और उनके भाई जीवनजीत सिंह ने खज्जर का दौरा किया. पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि सिंह और उनके भाई हस्तरेखा देखने के बहाने महिला पर्यटकों और स्थानीय लोगों का जबरन हाथ पकड़ रहे थे. इससे एनआरआई दंपत्ति और पर्यटकों व स्थानीय लोगों के बीच विवाद हो गया.
पीड़ित का शिकायत दर्ज कराने से इनकार
हिमाचल पुलिस ने हस्तक्षेप किया और कवलजीत सिंह, उनकी पत्नी और उनके भाई को सुल्तानपुर पुलिस चौकी ले आई. बयान में कहा गया है कि उन्होंने मामले में कानूनी कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया और बार-बार अनुरोध के बावजूद चिकित्सकीय परीक्षण नहीं कराया. पुलिस ने कहा कि उनका बयान दर्ज किया गया जिसमें उन्होंने शिकायत दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया. पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने रविवार को सुक्खू को पत्र लिखकर जांच के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की थी.