![Water crisis deepens in Haryana, situation is critical in 88 blocks of these 19 districts Water crisis deepens in Haryana, situation is critical in 88 blocks of these 19 districts](https://aajkinews.net/wp-content/uploads/2024/06/Screenshot_21-633x381.jpg)
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करनाल: भारत समेत पूरी दुनिया में क्लाईमेट तेजी से चेंज हो रहा है। जिसका असर प्राकृतिक गतिविधियों पड़ रहा है। क्लाइमेट चेंज का अनुभव लगातर मौसमों में बदलाव के जरिए किया जा सकता है। खास कर भारत की बात करें तो यहां क्लाइमेंट चेंज के कारण गर्मी में भीषण तपिश, ठंड में पारा 0 तक पहुंचना, और मानसून में देरी से व बारिश में कमी देखी जा रही है। जिसके कारण देश के कई हिस्सों में पानी किल्लत महसूस की जा रही है। हालांकि पानी की कमी का कारण कम बारिश होना ही नहीं बल्कि पानी का मनमाने तरीके पानी का दोहन भी है।
हरियाणा के 19 जिले जहां गहराया जल संकट
हरियाणा सहित देश भर में भूजल तेजी से घट रहा है। हरियाणा के कुछ जिलों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। सूबे के 19 जिलों के 88 ब्लॉकों को पानी के अत्यधिक दोहन की श्रेणी में रखा गया है। शेष में से 11 ब्लॉक क्रिटिकल श्रेणी में हैं, नौ ब्लॉक सेमी- क्रिटिकल में हैं और केवल 35 सुरक्षित श्रेणी में हैं। जैसा कि भूजल सेल के आंकड़ों से पता चलता है। यह सेल पहले कृषि विभाग का हिस्सा था और अब सिंचाई विभाग से जुड़ा हुआ है।
अत्याधिक पानी का दोहन करने वालों में हरियाणा के 19 जिले शामिल हैं। कुरुक्षेत्र, कैथल जिले के सर्वाधिक 7-7 ब्लॉकों में पानी का अधिक दोहन होता है। इसके अलावा हिसार और मेवात में सबसे कम पानी का दोहन होता है। इन जिलों के क्रमशः 1 व 2 ब्लॉक ही पानी का दोहन करते हैं। इस लिस्ट में सिरसा, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी के 6-6 ब्लॉक शामिल हैं। सोनीपत, गुरुग्राम, यमुनानगर, और जींद के 5-5 ब्लॉक शामिल हैं। फरीदाबाद, भिवानी के 4-4 व अम्बाला के 3 ब्लॉक शामिल हैं। चरखी दादरी के 2 ब्लॉक शामिल हैं।
100% से ऊपर की निकासी है अत्याधिक दोहन की श्रेणी में
अधिकारियों के मुताबिक, यदि भूजल निकासी 70 प्रतिशत तक है, तो इसे सुरक्षित माना जाता है। वहीं, 70 से 90 प्रतिशत के बीच निकासी अर्ध- महत्वपूर्ण (सेमी-क्रिटिकल) की श्रेणी में आती है। 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत क्रिटिकल है और 100 प्रतिशत से ऊपर भूजल निकासी अत्याधिक दोहन की श्रेणी में आती है।
क्रिटिकल श्रेणी में 7 ब्लॉक
गौरतलब है कि करनाल जिले के 8 ब्लॉकों में से सात को अतिदोहन की श्रेणी में हैं। आंकड़ों के अनुसार, इंद्री ब्लॉक को छोड़कर, शेष 7 ब्लॉक असंध, करनाल, घरौंडा, मुनक, निसिंग, नीलोखेड़ी और कुंजपुरा में भूजल का सर्वाधिक दोहन हो रहा है।