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जोधपुर। लव मैरिज (Love marriage) करने के बाद कई बार अपनों से जान के खतरे के कारण प्रेमी युगल (love couple) पुलिस और कोर्ट की शरण में जाते हैं. कई बार उन्हें सुरक्षा मुहैया भी कराई जाती है. लेकिन ऐसे ही एक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan high court) ने कहा कि उन्होंने शादी की है तो समाज का सामना करने का साहस (Courage) भी जुटाना चाहिए. कोर्ट ने प्रेमी युगल की याचिका खारिज कर दी.
जोधपुर जिले के एक प्रेमी युगल ने लव मैरिज के बाद पुलिस सुरक्षा की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अपनों से सुरक्षा की मांग की थी.
सुरक्षा मुहैया करवाने से इनकार करते हुए याचिका खारिज की
राजस्थान हाईकोर्ट ने अपनों से ही खतरे के मामले में विशेष टिप्पणी की है. कोर्ट ने सुरक्षा मुहैया करवाने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी.साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी कि अगर युवक-युवती ने शादी करने का फैसला कर लिया है तो उनमें समाज का सामना करने और परिवार को उनके द्वारा लिए गए फैसले को समझाने की दृढ़ता होनी चाहिए.
ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे उनपर हमले की आशंका हो
कोर्ट ने कहा कि तथ्यों को देखकर नहीं लगता कि युवक-युवती का जीवन खतरे में है. मामले में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे ये लगे कि उन पर हमले की आशंका हो. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट किसी योग्य मामले में कपल को सुरक्षा उपलब्ध करवा सकता है. दरअसल, जोधपुर जिले के 21 वर्षीय युवक और 18 वर्षीय युवती ने प्रेम विवाह किया था. इसके बाद उन्होंने पुलिस सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.