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पटना। बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन फिर भी शराब की चोरी-छिपे बिक्री जारी है और शराबियों के लिए शराब उपलब्ध है. वहीं, शराबबंदी वाले राज्य में जहरीली शराब से मौत की घटना भी सामने आती रहती है. इस शराबबंदी कानून को लेकर एनडीए नीत सरकार में सत्तापक्ष जदयू और भाजपा में यदा-कदा आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता रहता है. फिर भी, बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए राज्य की नीतीश सरकार हर मुमकिन कोशिश करने में जुटी है. सरकार ने अब अजब-गजब फरमान जारी किया है जिसके तहत राज्य में अब सरकारी शिक्षक शराबबंदी में सहयोग करेंगे
बिहार सरकार अब शिक्षकों को नई जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. बिहार में अब शिक्षक शराबियों और शराब की आपूर्ति करने वालों की पहचान कर इसकी जानकारी मद्य निषेध विभाग को देंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को बाकायदा इसका आदेश जारी किया है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने राज्य के सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचनायें प्राप्त हो रही हैं कि अभी भी कतिपय लोगों द्वारा चोरी-छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है और इसे रोकना अति आवश्यक है.लउन्होंने पत्र में आगे लिखा, इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशामुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाये.
इसके अलावा अपर मुख्य सचिव के लिखे पत्र में यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी छिपे नशापान करने वाले विद्यालय परिसर का कतई उपयोग न करें.
बता दें कि राज्य में किसी भी प्रकार के शराब सेवन और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है. लेकिन, हाल ही में राज्य के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की घटना सामने आई है.