उत्तराखंड मे बिलों से फन निकाल रहे कोबरा, 800 सांप किए रेस्क्यू

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हरिद्वार : बरसात के सीजन में किंग कोबरा और रसल वाइपर जैसे जहरीले सांप बिलों से बाहर निकलने लगे हैं। पिछले तीन महीने में अब तक 800 सांप आबादी क्षेत्र से रेस्क्यू किए जा चुके हैं। जहरीले सांपों ने तीन लोगों को निशाना बनाया है। इनमें से एक बालक की जान भी जा चुकी है।

राजाजी टाइगर रिजर्व के जंगल से सटे हरिद्वार में गर्मी और बरसात में जहरीले सांप बाहर निकलते हैं। बारिश में बिलों में पानी भरने और धूप निकलने पर उमस से सांप बाहर आते हैं। ये लोगों के घरों के अंदर, छतों, दुकानों और दफ्तरों ही नहीं, वाहनों के अंदर भी छिप जाते हैं। तीन महीने में 800 सांप रेस्क्यू किए गए हैं।

जुलाई के पहले सप्ताह में कूड़े में गिरा पांच रुपये का सिक्का ढूंढ रहे बालक को ब्लैक कोबरा ने डंस लिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। जून में सेक्टर टू में रात के समय एक महिला को भी ब्लैक कोबरा ने डस लिया था।

उपचार होने पर महिला को बचा लिया था। ब्रह्मपुरी में भी दो माह पूर्व एक महिला को जहरीले सांप ने काट लिया था। वह भी उपचार से बचा ली गई थी। इससे जंगल के आसपास बनी कॉलोनियों के लोगों में सांपों के घुसने को लेकर दहशत का माहौल बना रहता है।

हर रोज पकड़े जा रहे 10 से 15 सांप
भीषण गर्मी से सांप निकलने शुरू होते हैं और बरसात के सीजन में सिलसिला चलता रहता है। वन विभाग के अनुसार रोजाना आबादी क्षेत्र से औसतन 10 से 15 सांप रेस्क्यू किए जा रहे हैं। हालांकि, अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते हैं। फिर भी सांपों को देखते ही लोगों के दिल में डर बैठ जाता है।

ये पकड़े जा रहे खतरनाक जहरीले सांप
धर्मनगरी में अभी तक चार प्रजाति के जहरीले सांप मिले हैं। इनमें किंग कोबरा, ब्लैक कोबरा, रसल वाइपर और कॉमन क्रेट लोगों के मकानों और दुकानों आदि आबादी क्षेत्र में मिले हैं। ये सांप इतने जहरीले होते हैं कि इनके डसने से लोगों की मौत हो जाती है।

मेडिकल किट से लैस रहती है रेस्क्यू टीम
जहरीले सांपों को रेस्क्यू करने वाली रेस्क्यू टीम के सदस्य संतन सिंह नेगी, तालिब और भोला सिंह हैं। इनके पास स्नेक एंटी बेनम इंजेक्शन से लेकर पूरी मेडिकल किट रहती है। इन्हें मास्क, गलव्स, हेलमेट और जूते आदि दिए जाते हैं।

अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन
जिला अस्पताल के कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चंदन मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में स्नेक एंटी वेनम दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सांप काटने के बहुत कम मामले आने से लोग इंजेक्शन लगवाने के लिए बेहद कम संख्या में आते हैं।

अक्सर सांप जमीन के अंदर बने बिलों में रहते हैं। गर्मी होने और बरसात का पानी बिलों में घुसने से वे बाहर आते हैं। इससे वे कहीं भी घुस जाते हैं। हालांकि, हरिद्वार में पाए जाने वाले अधिकांश सांप जहरीले नहीं होते हैं। फिर भी लोग बरसात के सीजन में घरों में रहने और वाहनों में बैठने से पहले सावधानी जरूर बरतें।
-एके ध्यानी, सुरक्षा बल प्रभारी, वन विभाग