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पटना: 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन मामले में लालू प्रसाद यादव को बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है, इसी वजह से उन्हें इस मामले में बरी करने का फैसला लिया गया है. हाजीपुर सिविल कोर्ट की तरफ से लालू यादव को ये बड़ी राहत दी गई है.
आचार संहिता उल्लंघन का पहले भी लगा आरोप
वैसे इससे पहले साल 2009 में भी चुनाव के दौरान लालू यादव पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था. दरअसल झारखंड विधानसभा चुनाव-2009 के दौरान गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी प्रत्याशी गिरिनाथ सिंह के प्रचार में लालू प्रसाद यादव हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे. गढ़वा के गोविंद उच्च विद्यालय में लालू की सभा होनी थी. हेलिकॉप्टर को लैंड करने के लिए गढ़वा प्रखंड के कल्याणपुर में हेलीपैड निर्धारित था. इसके लिए प्रशासन ने अनुमति दी थी. लेकिन हेलीकॉप्टर निर्धारित हेलीपैड पर लैंड कराने की बजाय गोविंद उच्च विद्यालय के मैदान में बने सभा स्थल पर उतरा गया. इससे अफरातफरी मच गई थी. उस मामले में तब लालू यादव पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था.
बिहार की राजनीति में फिर सक्रिय लालू
लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें 6 हजार के जुर्माने के साथ बरी कर दिया था. अब इस 2015 वाले मामले में भी लालू यादव को बड़ी राहत मिली है. यहां सबूतों के आभव में छोड़ने का फैसला किया गया है. वैसे एक तरफ अब लालू यादव को कोर्ट से राहत मिली है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार की राजनीति में भी उन्हें नई संजीवनी मिली है. नीतीश कुमार के पाला बदलने से एक बार फिर राज्य में महागठबंधन की सरकार बन गई है. लालू के बेटे तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बन गए हैं, दूसरे बेटे तेज प्रताप को भी अहम मंत्रालय मिला है. ऐसे में लंबे समय बाद फिर बिहार की राजनीति में लालू और उनके परिवार की सक्रियता बढ़ गई है.