नई दिल्ली। Adani-Hindenburg row: अडानी ग्रुप के लिए राहत भरी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त एक्सपर्ट्स के पैनल ने अडानी ग्रुप को क्लीन चिट दी है। यह पैनल अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है। एक्सपर्ट पैनल ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से नियमों में कोई चूक नहीं हुई है। एक्सपर्ट पैनल ने सुप्रीम कोर्ट में जमा की गई रिपोर्ट में कहा है कि अडानी ग्रुप की तरफ से शेयरों की कीमतों में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और ग्रुप ने रिटेल इनवेस्टर्स के हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।
शेयरों में कोई खास पैटर्न नहीं: पैनल के मुताबिक सेबी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों ने संकेत दिया है कि अडानी की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में कोई खास पैटर्न नहीं है। इसमें उतार-चढ़ाव बाजार के हिसाब से होने की संभावना दिख रही है। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप ने शेयरों के साथ हेरफेर की है और प्राइस को ओवर वैल्यू कर दिया गया।
सेबी 13 ट्राजैक्शन की कर रहा जांच: पैनल के मुताबिक सेबी ने 13 अलग-अलग तरह के ट्रांजैक्शन की पहचान की है और इस पर सक्रिय रूप से डेटा जुटाकर इसकी समीक्षा कर रहा है। नियमों के संदर्भ में सेबी की विफलता को ढूंढना संभव नहीं होगा। पैनल ने यह भी बताया कि 24 जनवरी, 2023 के बाद अडानी के शेयरों में खुदरा निवेशकों का निवेश बढ़ गया है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट पेश की, उसके बाद भारतीय शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आया।
6 सदस्यों का पैनल: कोर्ट ने जिस पैनल का गठन किया था उसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने किया। इसके अलावा इस पैनल में जस्टिस जेपी देवधर, केवी कामथ, नंदन नीलेकणी, ओपी भट्ट और सोमशेखर सुंदरेशन थे।
अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल: इस खबर के बीच अडानी ग्रुप के शेयरों में रिकवरी आई है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 3 प्रतिशत तक चढ़ गए। वहीं, अडानी पोर्ट, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी विल्मर के शेयरों में भी तगड़ी रिकवरी आई है।
सेबी कर रहा जांच:बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को गौतम अडानी समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया है। बता दें कि कोर्ट ने 2 मार्च को एक आदेश जारी कर सेबी को दो महीने में जांच पूरी करने को कहा था। यह अवधि 2 मई को पूरी होने से पहले ही सेबी ने अतिरिक्त 6 महीने का समय मांग लिया। हालांकि, कोर्ट ने इस मांग को खारिज करते हुए 14 अगस्त तक की मोहलत दी है।
पैनल का भी गठन: सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च के अपने फैसले में गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच करने के लिए छह सदस्यीय पैनल बनाने का भी आदेश दिया था। पैनल को स्थिति का पूरा आकलन करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें सिक्योरिटीज बाजार में हाल में आई अस्थिरता के सही कारणों का पता लगाना भी शामिल था।