गरुड़ पुराण के अनुसार रोज न नहाने वालों को मिलती है ये सजा, जानिए क्यों कहलाते हैं पापी

According to Garuda Purana, those who do not bathe daily get this punishment, know why they are called sinners
According to Garuda Purana, those who do not bathe daily get this punishment, know why they are called sinners
इस खबर को शेयर करें

Garuda Purana Lessons: आमतौर पर हर कोई साफ-सुथरा रहना और दिखना चाहता है. हालांकि इसके लिए वे रोजना स्नान और पूजा-पाठ भी करते हैं. स्नान को नित्यक्रिया में शामिल किया गया है. यही वजह है कि लोग नियमित तौर पर स्नान और पूजा-पाठ करते हैं. शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए प्रतिदिन स्नान और पूजन जरूरी माना गया है. वैसे तो अधिकांश लोग रोजाना स्नान करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो खासतौर पर ठंढ़ में स्नान नहीं करते हैं. ऐसे लोगों के बारे में गरुड़ पुराण में कुछ रहस्यों के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं कि जो लोग रोज नहीं नहाते हैं, उन्हें गरुड़ पुराण के अनुसार कौन सी सजा मिलती है और ऐसे लोग पापी क्यों कहलाते हैं.

नियमित नहाने के ये हैं फायदे
गरुड़ पुराण में भगवान, पक्षीराज गरुड़ को स्नान से जुड़े लाभ के बारे में बताते हुए कहते हैं, ऐसे लोग जो प्रतिदिन स्नान करते हैं उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जो व्यक्ति ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर धर्म और अर्थ का चिंतन करता है उसे लौकिक और परलौकिक फलों की प्राप्ति भी होती है. पुराणों में बताया गया है कि स्नान करने के लिए हमेशा स्वच्छ जल का ही प्रयोग करें और हमेशा प्रात: काल में ही स्नान करें. ऐसे स्नान से पापकर्म भी नष्ट हो जाते हैं.

धार्मिक कार्य से पहले स्नान है जरूरी
रात्रि में सोते समय व्यक्ति के मुख से लार आदि गिरते हैं, जिससे वह अपवित्र हो जाता है. इसलिए सुबह उठकर नियमित क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करें और इसके बाद ही धार्मिक कार्य शुरू करें. यदि आप बिना स्नान के धार्मिक कार्य जैसे कि पूजा-पाठ करते हैं तो इसका कोई फल प्राप्त नहीं होता, उल्टा आप पाप के भोगी बनते हैं. ऐसे व्यक्ति को गरुड़ पुराण के अनुसार पापी माना जाता है. ऐसे व्यक्ति जीवनभर परेशानियों से घिरे रहते हैं.

– गरुड़ पुराण में यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन सुबह स्नान नहीं करते वह जाने-अनजाने में नकारात्मक शक्तियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. क्योंकि जहां अपवित्रता होती है वहां नकारात्मकता का वास होता है. गरुड़ पुराण में अलक्ष्मी और कालकर्णी को अनिष्ट शक्तियां के रूप में बताया गया है.

– धर्म पुराण में अलक्ष्मी को मां लक्ष्मी की बहन कहा जाता है. लेकिन अलक्ष्मी मां लक्ष्मी से बिल्कुल विपरीत हैं. मां लक्ष्मी को धन और अलक्ष्मी को निर्धनता की देवी माना गया है.

– गरुड़ पुराण के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन स्नान नहीं करते उनके घर पर अलक्ष्मी का वास होता है और ऐसे घर पर हमेशा धन का अभाव रहता है. वहीं कालकर्णी को विघ्न डालने वाली शक्ति के रूप में जाना जाता है. प्रतिदिन स्नान न करने और अपवित्र लोगों के कार्य में ये बाधा उत्पन्न करती हैं.