आजादी के बाद उत्तराखंड के इन गांवों में पहली बार डाले जाएंगे वोट, लोगों में उत्साह

After independence, votes will be cast for the first time in these villages of Uttarakhand, people are excited
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चमोलीः उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहली बार बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र में स्थित भारत के प्रथम गांव माणा और नीति मलारी घाटी में इस बार होने वाले उपचुनाव में मतदान होगा. आजादी के बाद से घाटियों में माइग्रेशन वाले इन गांव में पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. 3,884 मतदाता वाले इन इलाकों में इससे पहले कभी भी चुनाव नहीं हुए हैं. क्योंकि विधानसभा चुनाव अधिकांश फरवरी, मार्च और अप्रैल के दौरान संपन्न हुए हैं तो ऐसे में इस बार पहली बार विधानसभा उपचुनाव में इस क्षेत्र के लोग अपने मत का प्रयोग अपने पैतृक गांव में ही करेंगे. क्योंकि इन ग्रामीण इलाकों में शीतकाल के दौरान काफी बर्फबारी होती है और ऐसे में यहां चुनाव संपन्न करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है.

उपचुनाव मे भारत के प्रथम गांव माणा के 824, नीति के 220, मलारी के 599, कैलाशपुर के 210, गमशाली के 836, झेलम के 393, कोषा के 243, द्रोणागिरि के 368, जुम्मा के 141 सहित 3834 मतदाता अपने ही पैतृक गांव में पहली बार मतदान करेंगे. इस उपचुनाव मे घाटियों में स्टार प्रचारकों का तांता भी देखा जायेगा. घाटी में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के साथ-साथ अन्य मंत्रियों के भी पहुंचने की उम्मीद है.

कैलाशपुर की प्रधान श्रीमती सरिता देवी, गमशाली की प्रधान श्रीमती जसोदा देवी, मेहर गांव की प्रधान श्रीमती लक्ष्मी देवी, बम्पा प्रधान श्रीमती पीतांबरी देवी, कागा प्रधान पुष्कर सिंह राणा का कहना है की घाटी के लोगों में काफी उत्साह है और आने वाले समय में जैसे ही उपचुनाव के लिए प्रचार प्रसार होगा तो घाटी में रौनक दिखाई देगी. बता दें कि देश के कुल 7 राज्यों के 13 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इसके लिए 10 जुलाई को मतदान होंगे. चुनाव आयोग ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया है.