राजस्थान में करारी हार के बाद वसुंधरा समर्थकों ने खोला मोर्चा, बोले: नहीं संभले तो…

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जयपुर. पहले पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव और अब विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी की करारी हार (BJP Crushing Defeat) के बाद वसुंधरा राजे खेमा सक्रिय (Vasundhara Raje camp) हो गया है और उसने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लगातार दो चुनावों में हुई हार के बाद राजे खेमे के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि हाईकमान को अब बिना किसी देरी के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजस्थान की कमान संभला देनी चाहिये. अन्यथा जिस प्रकार इन उपचुनावों में पार्टी टक्कर में भी नहीं आ पाई उसी तरह आगामी चुनावों में भी पार्टी की ऐसी दुर्गति होगी. आने वाले समय में भी वह पिछड़ती चली जायेगी. यह संगठन और कार्यकर्ता दोनों के लिए घातक होगा.

राजावत ने कहा कि अब तक नगरपालिका, नगर निगम, पंचायत समिति, जिला परिषद एवं विधानसभा उपचुनाव सहित जितने भी चुनाव हुए उनमें जहां हमारा अभेद्य दुर्ग हुआ करता था, जहां चारों ओर बीजेपी की विजय पताका फहराती थी. वहां पर भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है. इसके क्या कारण रहे कि जनता का पार्टी से मोहभंग हो गया है.

राजावत बोले इतिहास को दोहराने के लिए राजे जरुरी
राजावत ने कहा कि यह वसुंधरा राजे का नेतृत्व ही था जिससे हम हर चुनाव में जीते. विधानसभा चुनावों में एक बार 200 में से 120 और दूसरी बार 200 में से 163 सीटें जीतने का रिकॉर्ड कायम किया. पहले लगभग हर चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होता रहा और इस इतिहास को दोहराने के लिए प्रदेश की बागडोर वसुंधरा राजे को सौंपना अब जरूरी हो गया है.

प्रदेश भाजपा नेतृत्व को आत्म अवलोकन की जरुरत
वहीं बीजेपी से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ. अखिल शुक्ला ने भी उपुचनाव के परिणामों को लेकर सवाल उठाये हैं. राजस्थान बीजेपी के नीति विषयक शोध विभाग के राज्य प्रमुख डॉ. शुक्ला ने भी प्रदेश संगठन पर सवालिया निशान लगाये हैं. शुक्ला ने कहा कि पार्टी आगामी 2023 में राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनाने के लिये कृतसंकल्पित है. लेकिन आज के परिणामों को देखते हुये प्रदेश भाजपा नेतृत्व को आत्म अवलोकन की जरुरत है. डॉ. शुक्ला राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं.

अलवर और धौलपुर में पंचायती राज चुनाव हार चुकी है बीजेपी
उल्लेखनीय है कि धरियावद और वल्लभनगर में बीजेपी की हुई करारी हार के बाद प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठने लग गये हैं. पार्टी का राजे खेमा पूनिया खेमे पर हमलावर होता जा रहा है. कांग्रेस ने धरिवायद सीट को बीजेपी से छीना ही नहीं है बल्कि उसे तीसरे नंबर पर धकेल दिया है. वहीं वल्लभनगर में बीजेपी प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई और तीसरे से चौथे नंबर पर खिसक गई है. बीजेपी गत बार वल्लभनगर में तीसरे नंबर पर रही थी. इससे पहले हाल ही में अलवर और धौलपुर में हुये जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव में भी बीजेपी की बड़ी हार हुई थी.