मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद आलाकमान का एक्शन शुरू! क्या जीतू बचा पाएंगे अपनी कुर्सी?

After the crushing defeat of Congress in Madhya Pradesh, the high command has started taking action! Will Jitu be able to save his seat?
After the crushing defeat of Congress in Madhya Pradesh, the high command has started taking action! Will Jitu be able to save his seat?
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MP News: लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन वाले राज्यों को लेकर कांग्रेस आलाकमान एक्शन मोड में आ चुका है. यह एक्शन अब नजर भी आने लग गया है. यही कारण है कि कांग्रेस द्वारा कमेटी बना दी गई है. मध्य प्रदेश को लेकर भी कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में तीन लोगों को रखा गया है. जिनमें दो प्रमुख नाम हैं. आपको बता रहा हूं महाराष्ट्र से आने वाले पृथ्वीराज चौहान साथ ही सात गुजरात से आने वाले जिग्नेश मेवानी इसके अलावा सपतागिरी उल्का को इस कमेटी में रखा गया है. ये कमेटी मध्य प्रदेश में कांग्रेस करारी हार की वजहों का पता लगाएगी.

आपको बता दें की मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए माना जा रहा था कि आला कमान मध्य प्रदेश की हार को लेकर कुछ एक्शन ले सकता है. अब ठीक वैसा नजर आ रहा है. कई और राज्यों के लिए भी कमेटी बनाई गई है. लेकिन, मध्य प्रदेश के लिए आला कमान का यह संकेत है. जीतू पटवारी पद पर रहेंगे या जाएंगे? यह सोचने वाली बात होगी. वो इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश में 29 में से एक सीट भी कांग्रेस हासिल नहीं कर पाई है.

जीतू पटवारी बचा पाएंगे अपना पद?
आपको बता दें मध्य प्रदेश में कांग्रेस को इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा उम्मीद नजर आ रही थी. लेकिन, यहां चुनाव के पहले कई कांग्रेसियों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसका असर चुनाव में भी देखने को मिला है. यहां कांग्रेस कोई खाता तक नहीं खोल पाई है. अब यही वजह है कि आला कमान कमेटी बनाकर यह संदेश दे रहा है कि अगर कमेटी की रिपोर्ट में प्रदेश अध्यक्ष का काम ठीक नहीं निकला तो क्या आलाकमान प्रदेश अध्यक्ष यानि की जीतू पटवारी को हटाया? क्योंकि उसके संकेत भी मिल रहे हैं. कि जिन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है. लोकसभा चुनाव में वहां पर आला कमान बदलाव के मूड में है. माना जा रहा है कि और सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट के आधार पर ही आगे फैसला लिया जाएगा.

क्या बदलाव के मूड में है आलाकमान?
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को राहुल गांधी का बेहद नजदीकी माना जाता है. लेकिन, अब आला कमान ने कमेटी बना दी और कमेटी का जो उद्देश्य है. हार की समीक्षा में जाहिर सी बात है. जीतू पटवारी पहले ही कह चुके थे. हार के बाद के नैतिक तौर पर उनकी जिम्मेदारी है. लेकिन, सवाल यही उठेगा कि अंतर्विरोध से जूझ रहे जीतू पटवारी के सामने अब यह कमेटी भी जब अपनी रिपोर्ट देगी तो क्या उसके बाद आला कमान जीतू पटवारी को आगे तक जारी रखेगा का अध्यक्ष के तौर पर या बदलाव भी कर सकता है?

हार के कारणों की तलाश में कांग्रेस
आपको बता दें इस चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश से ज्यादा चुनौती तो यूपी में थी अगर यूपी में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है. तो वह मध्य प्रदेश जहां 2018 में काफी अर्से बाद कांग्रेस की सरकार भी बन गई थी. वहां क्या हुआ कि 29 जीरो का आंकड़ा सामने आया. कांग्रेस जीरो पर आ गई? तो क्या जीतू पटवारी उसके लिए जिम्मेदार हैं? या आलाकमान यह चाह रहा है कि यह कमेटी जो बने वो कम से कम उन कारणों को खंगाले कि आखिरकार कांग्रेस की हार का किरदार कौन है? किसकी वजह से कांग्रेस हारी है.