अखिलेश ने शिवपाल को सौंपी भाजपा पर हमले की कमान, यूपी विधानसभा में सबसे आगे नजर आएंगे

Akhilesh handed over the command of attack on BJP to Shivpal, will be seen at the forefront in UP Assembly
Akhilesh handed over the command of attack on BJP to Shivpal, will be seen at the forefront in UP Assembly
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लखनऊ। कभी एक दूसरे पर जमकर शब्दों के बाण चलाने वाले अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच सुलह के बाद यूपी असेंबली की तस्वीर भी पहले से बदली हुई दिखने वाली है। शिवपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा में अग्रिम पंक्ति में बैठे देखे जा सकते हैं।

यूपी विधानसभा का सत्र 20 फरवरी से शुरू हो रहा है। बैठने की व्यवस्था में बदलाव के लिए सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि अब शिवपाल पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद की सीट पर पहली पंक्ति में बैठेंगे। जबकि अवधेश प्रसाद अखिलेश यादव के बगल में बैठेंगे। अभी तक विपक्ष के नेता अखिलेश यादव के बगल वाली सीट आजम खान के लिए तय की गई थी। अब अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से सपा विधायक प्रसाद वहां बैठेंगे। हेट स्पीच में सजा के बाद आजम खान अयोग्य साबित हो चुके हैं।

इटावा जिले की जसवंत नगर सीट से विधायक शिवपाल अब तक पिछली सीट पर बैठे नजर आते थे। यूपी विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि हमें पत्र मिल गया है। उसी के अनुसार व्यवस्था की जाएगी। ये पार्टी का अधिकार है कि वो अपने किस नेता को कहां बिठाए। पार्टी की तरफ से चिट्ठी मिलने के बाद हमें उसी के अनुरूप व्यवस्था करनी होती है।

मुलायम सिंह की मृत्यु के बाद दूर हुई खटास
2017 के बाद से कई उतार-चढ़ाव के बाद चाचा-भतीजा के रिश्तों में सुधार हुआ है। पिछले साल अक्टूबर में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद से दोनों को पहली बार एक साथ देखा गया। उसके बाद रिश्तों में कभी तल्खी तो कभी सुधार देखा गया। लेकिन आखिर में दोनों के बीच सुलह हो ही गई।

रामगोपाल से भी शिवपाल के रिश्ते पहले से बेहतर
चाचा भतीजे की जुगलबंदी का असर चुनाव पर भी देखने को मिला। माना जा रहा है कि इसी दोस्ती की वजह से मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी। बदले परिदृश्य में शिवपाल यादव और चचेरे भाई रामगोपाल यादव के रिश्ते भी बेहतर हुए हैं। जबकि एक जमाने में दोनों एक दूसरे को फूटी आंख भी नहीं देखते थे। राजनीतिक हलकों में माना जाता है कि अखिलेश के साथ शिवपाल के रिश्ते खराब होने की बड़ी वजह रामगोपाल ही थे। लेकिन मुलायम सिंह की मौत के बाद सारा परिवार एक दूसरे के काफी करीब आ गया।