- राहुल गांधी ने केजरीवाल को दिखा दिया रास्ता, रैली में नहीं मिला न्यौता - May 18, 2024
- आटा बहाना, असल मकसद है आजादी पाना! पाकिस्तान के हाथ से निकल रहा PoK, आवाम को मिला आतंकी संगठन का साथ - May 18, 2024
- मुंबई इंडियंस के नाम दर्ज हुआ यह शर्मनाक रिकॉर्ड, IPL इतिहास में ऐसा कारनामा करने वाली बनी पहली टीम - May 18, 2024
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में पांच अलग-अलग जगहों से सांपों को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया. पहले मामले में शास्त्रीपुरम में एक दोपहिया वाहन के इंजन में पांच फुट लंबा रैट स्नेक को वाइल्डलाइफ एसओएस (Wildlife SOS) रैपिड रिस्पांस यूनिट ने रेस्क्यू किया. दूसरे मामले में फतेहपुर सीकरी के पास मछली पकड़ने के जाल में फंसे पांच फुट लंबे कोबरा को बचाया गया. तो वहीं तीसरे मामले में अछनेरा के सकतपुर से दो सांपों को रेस्क्यू किया गया. इसी तरह किरावली इलाके और कुबेरपुर से भी खतरनाक सांपों को रेस्क्यू किया गया.
जानकारी के मुताबिक, पुष्पेंद्र कश्यप जब सोमवार को कहीं जाने के निकल रहे थे. जैसे ही वह स्कूटर पर बैठे उन्हें अहसास हुआ जैसे उनके स्कूटर में कुछ चीज हिल डुल रही है. उन्होंने अच्छे से स्कूटर की जांच की तो देखा कि सीट के अंदर सांप बैठा है. उन्होंने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस को सूचना देते हुए सहायता मांगी.
सूचना पाकर एसओएस दल मौके पर पहुंचा और जैसे ही बचाव दल ने सीट उठाकर डिग्गी से पांच फुट लंबे रैट स्नेक को सुरक्षित बाहर निकाला. बाद में उसे जंगल ले जाकर छोड़ दिया.
वहीं, रैपिड रिस्पांस यूनिट ने भी फतेहपुर सीकरी के पास मछली पकड़ने के जाल में फंसे पांच फुट लंबे कोबरा को बचाया. सांप को सावधानीपूर्वक जाल से निकालने के बाद उसे उपचार के लिए ट्रांजिट फैसिलिटी में लाया गया. टीम ने आगरा के किरावली इलाके के महुआर गांव से आठ फुट लंबे कोबरा को भी बचाया. सांप रेलवे ट्रैक के पास आ गया था जिसे समय रहते सुरक्षित बचा लिया गया.
इसके अलावा, अछनेरा के सकतपुर में घर के बेडरूम में रखे टेलीविजन सेट के पीछे कोबरा और आगरा के कुबेरपुर स्थित टाटा मोटर्स के शोरूम अशोक मोटर्स के स्टोर रूम से एक रैट स्नेक को भी रेस्क्यू किया गया. सभी सांपों को फिट करार दिए जाने के बाद उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया.
‘बेवजह हमला नहीं करते सांप’
उधर, वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “लोग अक्सर अपने आसपास सांप को देख घबरा जाते हैं. लेकिन आम धारणा के विपरीत, सांप कभी किसी को बेवजह नुकसान नहीं पहुचाते. लेकिन उकसाने या डराए जाने पर वह डस सकते हैं. हमें खुशी है कि लोग हमारी हेल्पलाइन पर इस तरह की घटनाओं की सूचना देकर एक सहज कदम उठा रहे हैं.”
‘सांपों का रेस्क्यू चुनौतीपूर्ण होता है’
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंरजवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एमवी ने कहा, “कभी-कभी रेस्क्यू ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं. क्योंकि हमारी टीम को जानवर के साथ-साथ बचाव अभियान को देखने वाले लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होती है. संवेदनशील रेस्क्यू ऑपरेशन में विशेषज्ञ टीम को धैर्य रखने के साथ-साथ स्थिति से निपटने के लिए उच्च स्तर का कौशल होना चाहिए. हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करते रहें.”