सुप्रीम कोर्ट में रखा गया बिहार जातीय सर्वे मामला, 6 अक्टूबर को होगी सुनवाई

Bihar caste survey case placed in Supreme Court, hearing to be held on October 6
Bihar caste survey case placed in Supreme Court, hearing to be held on October 6
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Bihar Caste Survey: बिहार जातीय सर्वे मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है. कोर्ट ने 6 अक्टूबर को सुनवाई की बात कही. मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने सर्वे के आंकड़े जारी करने पर कोई रोक नहीं लगाई थी. कोर्ट का कहना था कि वह रोक का आदेश विस्तृत सुनवाई के बाद ही देगा. दरअसल, इस मामले की सुनवाई आज मंगलवार (03 अक्टूबर) को होनी थी और याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने जातीय सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं. अब कोर्ट शुक्रवार (06 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करेगा.

बिहार सरकार के जातीय आंकड़े
बिहार की कास्ट सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में ओबीसी 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 प्रतिशत है. भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, ब्राह्माणों की आबादी 3.66 प्रतिशत, राजपूतों की आबादी 3.45 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी और यादवों की आबादी 14 फीसदी है.

रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य में हिंदू आबादी 81.99 फीसदी, मुसलमानों की 17.70 फीसदी, ईसाई की 0.05 फीसदी, सिखों की 0.011 फीसदी, जैन समुदाय की 0.0096 फीसदी , बौद्ध की 0.0851 फीसदी और अन्य धर्मों की जनसंख्या 0.1274 फीसदी है. वहीं, 2146 वह लोग हैं, जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं.

क्या है मामला?
बता दें कि जातीय गणना के आंकड़ों को जारी करने पर रोक लगाने के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी. मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में इसका फैसला सुनाया था और सरकार के इस कदम को कानूनी रूप से वैध बताया था. इसके बाद बिहार सरकार ने जातीय सर्वे का काम शुरू कर दिया था. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और रिपोर्ट को फिलहाल जारी नहीं करने का अनुरोध किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था.