उत्तराखंड में जलाने पड़े अलाव, अक्टूबर में दिसंबर जैसी ठंड, देहरादून में दो साल का टूटा रिकॉर्ड

Bonfires had to be lit in Uttarakhand, cold like December in October, two years' record broken in Dehradun
Bonfires had to be lit in Uttarakhand, cold like December in October, two years' record broken in Dehradun
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देहरादून: उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के असर ने लोगों को कंपकंपाना शुरू कर दिया है। पहाड़ों पर हुई बर्फवारी और मैदानी इलाकों तक की बारिश ने धूप और उमस जैसी स्थिति से प्रदेश के लोगों को मुक्ति दिला दी है। अक्टूबर में ही लोगों को दिसंबर जैसी ठंडक का अहसास हो रहा है। कई स्थानों पर लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते देखा गया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से प्रदेश में मंगलवार को भी बिजली चमकने और तेज हवा चलने के साथ बर्फबारी और बारिश होने की संभावना जताई है। प्रदेश में सोमवार को बारिश और पहाड़ों में हुई बर्फबारी के कारण मौसम एकदम सर्द हो गया है। जहां एक-दो दिन पहले दोपहर के समय तापमान पसीने छुड़ा रहा था वहीं सोमवार से हुई बारिश ने दिसंबर वाली ठंड का एहसास कर दिया है।

उत्तराखंड में पहली बारिश में ही लोग गर्म कपड़ों में लदे नजर आए। मौसम के बदले मिजाज ने तापमान के 2 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। सोमवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वर्ष 2021 में 16 अक्टूबर को दून का अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। न्यूनतम तापमान में भी 9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। अक्टूबर के महीने में लोग अलाव का सहारा लेते दिखाई दिए। सोमवार सुबह शुरू हुई बारिश का सिलसिला लगभग शाम तक चला। सुबह के समय एक बार तो इतना अंधेरा हो गया कि वाहन चालकों को दिन के समय में भी लाइट जला कर चलना पड़ा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार को भी मौसम बदला हुआ रहेगा।

उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले की 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। अन्य सभी जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि बुधवार से बारिश से राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को बिजली चमकने और हवा चलने के साथ ही बारिश और बर्फबारी की संभावना है पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश होने से ठंड बढ़ने के साथ मैदानी क्षेत्रों में तापमान में और भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। 18 से 20 अक्टूबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

बारिश के कारण चकराता छावनी बाजार में लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ा। बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक पहले ही दिन जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। बारिश के कारण बाजार में भी लोगों की आवाजाही बेहद कम रही। चकराता छावनी बाजार का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री और अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहा। के स्थानों पर बारिश के साथ चली हवाओं से पेड़ों की टहनियां टूट कर बिजली की लाइन पर गिर गई। इससे लाइन ट्रिप हो गयी और घंटों तक बिजली गुल रही। बारिश रुकने पर लाइनों को ठीक किया जा सका।

दूसरी तरफ, आंधी और बारिश के कारण फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रेम नगर, बालावाला, मालदेवता, डोईवाला, दूधली, बडोवाला गन्ने और धान की फसल खराब हो गई है। कई जगह खेत में खड़ी फसल गिर गई है। धान काटने का समय होने के चलते किसान बारिश और आंधी से परेशान हो गए हैं।