BREAKING: हरियाणा में फिर हो गया खेल, 3 विधायक दुष्यंत चौटाला के…

इस खबर को शेयर करें

Haryana Politics and Crisis: हरियाणा में सियासी संकट के बीच बड़े सियासी उलटफेर की संभावना जताई जा रही है। कुछ दिनों पहले ही एनडीए गठबंधन से अलग हुए जननायक जनता पार्टी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गवर्नर को चिट्ठी लिखकर नायब सिंह सैनी सरकार से विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहने की मांग की थी लेकिन अब खबर आ रही है कि चौटाला की ही पार्टी टूटने की कगार पर पहुंच गई है।

खबर है कि जजपा के तीन विधायक राज्य में जारी  सियासी संकट के बीच पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलने पहुंचे थे। माना जा रहा है कि ये विधायक कभी भी पाला बदल सकते हैं और भाजपा का दामन थाम सकते हैं। जजपा के पास कुल 10 विधायक हैं। अगर ये संख्या तीन ही रही तो इन विधायकों के टूटने पर  दल-बदल कानून  लागू हो सकता है। चर्चा है कि और भी जजपा विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि खट्टर के साथ जजपा विधायकों की  बैठक पानीपत में राज्य मंत्री महिपाल ढांडा के आवास पर आज दोपहर करीब 2 बजे हुई। आधे घंटे चली बैठक में खट्टर और ढांडा के अलावा जननायक जनता पार्टी के तीनों विधायक मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक संकट पर चर्चा की। हालांकि, मेजबान मंत्री ढांडा ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

इस बैठक में टोहाना विधायक देवेंद्र बबली, नरवाना से रामनिवास सूरजखेड़ा और जोगीराम सिहाग शामिल हुए। मनोहर लाल से मुलाकात करने वाले जोगीराम सिहाग और देवेन्द्र बबली ने कहा कि राज्यपाल को पत्र भेजने से पहले हमसे कोई बात नहीं की गई। अब माना जा रहा है कि जजपा के कुछ विधायक अलग से बैठक कर सकते हैं। राजनीतिक संकट के बीच भाजपा की नजर जजपा पर बनी हुई है।

बता दें कि दो दिन पहले तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद नायब सिंह सैनी की सरकार अल्पमत में आ गयी है। इसके बाद जननायक जनता पार्टी (जजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने आज हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को चिट्ठी लिखकर विधानसभा में बहुमत साबित करवाने की मांग की थी।

जजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद मार्च में ही नायब सिंह सैनी  सरकार बनी थी। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल से और रणजीत चौटाला हिसार सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों नेताओं ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनके इस्तीफों के बाद इस समय 90 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा 88 विधायक हैं।

सदन में बहुमत का आंकड़ा 45 है, जबकि तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा सरकार के साथ 43 विधायक हैं। हालांकि, सैनी और खट्टर का  दावा है कि उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है और विपक्षी दलों के कुछ विधायक भी उनके संपर्क में हैं।